Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु में छोटे व्यापारियों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) नोटिस जारी होने से व्यापारिक समुदाय में गहरी चिंता फैल गई है। यह स्थिति ऐसे समय में पैदा हुई है जब कई छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) पहले से ही महामारी के बाद के प्रभावों और मौजूदा आर्थिक चुनौतियों से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि इन नोटिसों से उत्पन्न होने वाली अनिश्चितता और जटिलता उनके लिए एक बड़ा बोझ बन गई है। कई छोटे व्यवसाय जीएसटी के नियमों और अनुपालन प्रक्रियाओं की जटिलताओं को पूरी तरह से समझ नहीं पाते, जिससे अनजाने में हुई गलतियों या तकनीकी खामियों के कारण उन्हें भारी जुर्माना लगने का डर सता रहा है। कुछ मामलों में तो ये नोटिस कई साल पुराने मामलों से संबंधित हैं, जिससे रिकॉर्ड रखने और जवाब देने में और अधिक कठिनाई हो रही है।
स्थानीय व्यापारिक संघों ने इस मुद्दे को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और सरकार से आग्रह किया है कि छोटे व्यापारियों के प्रति एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाए। उन्होंने मांग की है कि जीएसटी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाए, स्पष्टीकरण जारी किए जाएं और व्यापारियों को अनुपालन में मदद करने के लिए पर्याप्त समय और सहायता प्रदान की जाए।
उनका मानना है कि कठोर कार्रवाई से छोटे व्यवसायों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है, जिसका अंततः रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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