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Up Kiran, Digital Desk: माइग्रेन, सिर्फ एक सिरदर्द नहीं, बल्कि एक गंभीर और दर्दनाक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। इसकी तेज़, धड़कने वाली पीड़ा और साथ में मतली, उल्टी, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता, किसी भी व्यक्ति की दिनचर्या को पूरी तरह बाधित कर सकती है। ऐसे में, पीड़ित अक्सर दर्द से राहत पाने के लिए विभिन्न तरीकों की तलाश में रहते हैं। हाल के शोध और विशेषज्ञों का मानना है कि जीवनशैली में बदलाव, खासकर खान-पान में, माइग्रेन की आवृत्ति और तीव्रता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। तो क्या प्लांट-बेस्ड डाइट (पौधों पर आधारित आहार) इसमें वाकई मददगार हो सकती है? आइए जानते हैं विशेषज्ञ की राय।

क्या है प्लांट-बेस्ड डाइट?

प्लांट-बेस्ड डाइट का मतलब सिर्फ शाकाहारी होना नहीं है, बल्कि यह मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों पर आधारित होती है, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, नट्स और बीज शामिल होते हैं। इसमें मांस, डेयरी और अंडे जैसे पशु उत्पादों का सेवन या तो बहुत कम किया जाता है या बिल्कुल नहीं किया जाता। यह 'वीगन', 'शाकाहारी', 'भूमध्यसागरीय आहार' या 'संपूर्ण खाद्य, पौधों पर आधारित (WFPB)' जैसे विभिन्न रूपों में हो सकती है।

प्लांट-बेस्ड डाइट माइग्रेन में कैसे मदद कर सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि प्लांट-बेस्ड डाइट कई तरीकों से माइग्रेन को प्रभावित कर सकती है:

सूजन कम करना (Anti-inflammatory effects): कई माइग्रेन विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी सूजन माइग्रेन के हमलों में एक भूमिका निभा सकती है। प्लांट-बेस्ड डाइट में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

ट्रिगर फूड्स से बचाव: प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाने से आप अनजाने में कई ऐसे सामान्य माइग्रेन ट्रिगर्स से बच सकते हैं जो पशु उत्पादों या प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। इनमें डेयरी उत्पाद, कुछ प्रकार के मांस, प्रोसेस्ड फूड्स, कैफीन और कृत्रिम मिठास शामिल हो सकते हैं।

आंत का स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम (Gut Health & Microbiome): आंत का स्वास्थ्य और मस्तिष्क के बीच एक गहरा संबंध होता है। प्लांट-बेस्ड डाइट में उच्च फाइबर होता है, जो आंत के स्वस्थ बैक्टीरिया (माइक्रोबायोम) को बढ़ावा देता है। एक स्वस्थ आंत माइग्रेन की आवृत्ति और तीव्रता को कम करने में मदद कर सकती है।

पोषक तत्वों से भरपूर: यह आहार आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और शरीर के प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं।

वजन प्रबंधन: मोटापा भी माइग्रेन के लिए एक जोखिम कारक माना जाता है। प्लांट-बेस्ड डाइट अक्सर कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होती है, जो स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती है, जिससे माइग्रेन के एपिसोड कम हो सकते हैं।

विचारणीय बातें और विशेषज्ञ की सलाह:

हालांकि प्लांट-बेस्ड डाइट माइग्रेन पीड़ितों के लिए एक आशा की किरण हो सकती है, कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:

व्यक्तिगत ट्रिगर्स: हर व्यक्ति के माइग्रेन ट्रिगर्स अलग-अलग होते हैं। डाइट में बदलाव करते समय, एक 'ट्रिगर डायरी' बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि यह पता चल सके कि कौन से खाद्य पदार्थ माइग्रेन को बढ़ाते हैं।

पोषक तत्वों की कमी का ध्यान: प्लांट-बेस्ड डाइट में विटामिन बी12, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी और कैल्शियम जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए, एक संतुलित और सुनियोजित प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाना या पूरक आहार (supplements) लेना आवश्यक है।

धीरे-धीरे बदलाव करें: अचानक से पूरी तरह से आहार बदलने से बचें। धीरे-धीरे संक्रमण करें ताकि आपका शरीर एडजस्ट हो सके।

विशेषज्ञ की सलाह: किसी भी बड़े आहार परिवर्तन से पहले, विशेष रूप से अगर आपको कोई चिकित्सीय स्थिति है, तो हमेशा एक डॉक्टर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। वे आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के आधार पर सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

 प्लांट-बेस्ड डाइट माइग्रेन के प्रबंधन में एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है, खासकर सूजन को कम करने और संभावित ट्रिगर्स को खत्म करने में। यह कोई जादुई इलाज नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से कई लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

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