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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम ओवल में होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट के लिए पूरी तरह से तैयार है, जहाँ सबकी निगाहें खासकर युवा बल्लेबाज शुभमन गिल पर टिकी हुई हैं। यह समय उनके लिए केवल व्यक्तिगत सफलता का मौका नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक अहम क्षण साबित हो सकता है। गिल एक ऐसे रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब हैं, जिसने करीब सौ वर्षों तक बल्लेबाजों के लिए चुनौती प्रस्तुत की है — एक सीरीज में सबसे अधिक रन बनाने का विश्वविख्यात रिकॉर्ड, जो वर्तमान में डॉन ब्रैडमैन के नाम दर्ज है।
1930 में इंग्लैंड में खेले गए एशेज टेस्ट सीरीज में ब्रैडमैन ने पाँच मैचों में कुल 974 रन बनाए थे, जो तब से लेकर अब तक किसी ने भी पार नहीं किया। लेकिन गिल ने मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर चार मैचों में 721 रन की जबरदस्त झड़ी लगाई है और ओवल में अभी उन्हें 253 रन और जोड़ने होंगे ताकि वे इस महान खिलाड़ी को पीछे छोड़ सकें। यह चुनौती भले बड़ी हो, लेकिन गिल ने पहले ही एजबेस्टन के मैदान पर दो पारियों में 430 रन बनाकर अपनी काबिलियत साबित की है।
हालांकि टीम फिलहाल पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से पिछड़ी हुई है, लेकिन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने कई बार हार के बाद वापसी की ताकत दिखाई है। हेडिंग्ले में मिली हार के बाद, एजबेस्टन में उनकी धमाकेदार पारी ने टीम को मजबूत वापसी दिलाई, जबकि लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में भी टीम ने कड़ी टक्कर दी और आखिरी टेस्ट में जीत की उम्मीद जगा दी है।
यह सीरीज भारतीय टीम के लिए खास इसलिए भी है क्योंकि वे विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बिना खेल रहे हैं। ऐसे में युवा खिलाड़ियों पर दबाव तो ज़रूर है, लेकिन ओवल में सफलता मिलने पर यह उनके आत्मविश्वास को बहुत बड़ा बढ़ावा देगा। इसलिए न केवल गिल के लिए, बल्कि पूरे भारत के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मैच बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस टेस्ट में गिल का प्रदर्शन न सिर्फ रिकॉर्ड के लिहाज से, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक संकेत होगा।
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