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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने मैनचेस्टर टेस्ट में जिस तरह से दबाव में बल्लेबाज़ी की, वह केवल रन नहीं, बल्कि नेतृत्व की गहराई भी दर्शाता है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ का मानना है कि युवा कप्तान ने पिछले मैच की गलतियों से सीख ली है और यही बदलाव भारत की दूसरी पारी को बचाने में निर्णायक साबित हुआ।

गिल की बदली हुई सोच बनी भारत की ताकत

कैफ ने अपने विश्लेषण में इस बात पर जोर दिया कि गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट में जिस आक्रामक रवैये के चलते आलोचना झेली थी, उससे सबक लेते हुए मैनचेस्टर में ज़िम्मेदाराना रवैया दिखाया। न सिर्फ़ बल्ले से, बल्कि उनके व्यवहार में भी ठहराव और परिपक्वता नज़र आई। गिल ने मैच के तनावपूर्ण क्षणों में शतक जड़कर टीम को हार से बचा लिया। इससे न केवल भारत ने मैच ड्रॉ कराया, बल्कि सीरीज़ में वापसी की उम्मीद भी कायम रखी।

कप्तान की भूमिका में गहराई और समझ

लॉर्ड्स में जब गिल विपक्षी खिलाड़ियों से उलझे थे, तब कई विशेषज्ञों ने कहा था कि वह विराट कोहली की नकल करने की कोशिश में खुद की बल्लेबाज़ी भुला बैठे। लेकिन मैनचेस्टर में उन्होंने उलझने के बजाय संयम से जवाब दिया और शांत चित्त रहकर कप्तानी की बारीकियों को समझा। कैफ ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि गिल की यह परिपक्वता टीम के लिए एक मिसाल है और यही बदलाव उनकी बल्लेबाज़ी में भी दिखा।

कुलदीप यादव को न खिलाने पर उठे सवाल

कैफ ने मैनचेस्टर टेस्ट की एक बड़ी रणनीतिक चूक की ओर भी इशारा किया—कुलदीप यादव को अंतिम एकादश से बाहर रखना। उनके अनुसार, मैनचेस्टर की पिच पर एक बाएं हाथ के स्पिनर की खास ज़रूरत थी और कुलदीप की गैरमौजूदगी टीम को भारी पड़ सकती थी। उन्होंने कहा कि अगर भारत को अगला टेस्ट जीतना है तो कुलदीप को हर हाल में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

ओवल टेस्ट भारत के लिए करो या मरो

कैफ का मानना है कि ओवल टेस्ट निर्णायक होगा, और भारत के पास अब बचाव का विकल्प नहीं है। यदि भारत यह टेस्ट हारता है, तो सीरीज़ भी हाथ से निकल जाएगी। ऐसे में टीम को जीत के लिए आक्रामक रणनीति और सही गेंदबाजी संयोजन की ज़रूरत होगी। 20 विकेट चटकाने के लिए हर हथियार ज़रूरी है, और इसमें कुलदीप जैसे स्पिनर की भूमिका अहम हो सकती है।