
Up Kiran, Digital Desk: एक नए अध्ययन ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance - AMR) के बढ़ते खतरे और इसके वित्तीय प्रभावों पर गंभीर चेतावनी दी है। अध्ययन के अनुसार, एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया के प्रतिरोध के कारण होने वाली अतिरिक्त उपचार लागत 2050 तक सालाना $6.6 बिलियन से बढ़कर $15.9 बिलियन हो सकती है। यह महत्वपूर्ण वृद्धि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों और अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डालने वाली है।
जर्नल 'द लांसेट रीजनल हेल्थ - वेस्टर्न पैसिफिक' (The Lancet Regional Health – Western Pacific) में प्रकाशित इस शोध में एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है और जहां AMR का प्रभाव विशेष रूप से गहरा होने की उम्मीद है।
अध्ययन में 'सुपरबग्स' (superbugs) के कारण संक्रमण से लड़ने के लिए नई, अधिक महंगी दवाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, साथ ही अस्पताल में रहने की अवधि में वृद्धि और अधिक जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं की भी आवश्यकता होती है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव उन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं जिन्हें उन्हें मारने या बढ़ने से रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह स्थिति एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग, दुरुपयोग और गलत प्रिस्क्रिप्शन के कारण बढ़ती जा रही है। इसका मतलब है कि सामान्य संक्रमण, जो पहले आसानी से इलाज योग्य थे, अब जानलेवा हो सकते हैं।
यह अध्ययन सरकारों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और दवा कंपनियों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि AMR से निपटने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। इसमें नई एंटीबायोटिक दवाओं के अनुसंधान और विकास में निवेश, एंटीबायोटिक दवाओं के उचित उपयोग को बढ़ावा देना, संक्रमण नियंत्रण उपायों को मजबूत करना और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना शामिल है।
यदि एंटीबायोटिक प्रतिरोध को प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं किया गया, तो यह न केवल स्वास्थ्य परिणामों को खराब करेगा बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी गंभीर रूप से बाधित करेगा, जिससे विकास बाधित होगा और स्वास्थ्य इक्विटी में असमानताएं बढ़ेंगी।
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