
कुछ दिन पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने आम आदमी को राहत देते हुए रेपो रेट में कटौती की थी। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लगातार दूसरी बार रेपो दर में कटौती की गई। आरबीआई ने रेपो दर को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00% कर दिया है। इसके बाद बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरें कम करनी शुरू कर दी हैं। इसके तहत देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी आरएलएलआर (रेपो लिंक्ड लोन या लेंडिंग रेट) दर में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इस बदलाव के बाद अब बैंक का आरएलएलआर घटकर 8.25 प्रतिशत हो गया है।
इस निर्णय से एसबीआई के मौजूदा और नए दोनों उधारकर्ताओं को सीधा लाभ होगा। होम लोन हो, पर्सनल लोन हो या ऑटो लोन, अब इस पर ब्याज थोड़ा कम हो जाएगा, यानी आपको ईएमआई में राहत मिल सकती है।
एसबीआई ने क्या बदलाव किए
भारतीय स्टेट बैंक ने बाह्य बेंचमार्क आधारित उधार दर (ईबीएलआर) को 0.25 प्रतिशत घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया है। यह बदलाव 15 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है। यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। बेशक, एसबीआई के इस फैसले से ग्राहकों को राहत मिली है।
एफडी ब्याज दरों में बदलाव
एक तरफ एसबीआई ने लोन सस्ता करके ग्राहकों को तोहफा दिया है। दूसरी ओर, सावधि जमा पर ब्याज दरों में भी 0.10%-0.25% की कटौती की गई है। नई दरें आज यानी 15 अप्रैल से लागू हो गई हैं। अब 1 से 2 साल की एफडी पर ब्याज दर 6.70% होगी, जो पहले 6.80% थी। वहीं, 2 से 3 साल से कम की एफडी पर ब्याज 7% से घटाकर 6.90% कर दिया गया है।
4 बैंकों ने ब्याज दरें घटाईं
आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती के कारण ऋण ब्याज दरें कम हो गई हैं। एसबीआई के साथ ही पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और यूको बैंक ने भी लोन की ब्याज दरों में 0.25 फीसदी तक की कटौती की है।