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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) ने सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। 8,322 वाहनों के परमिट रद्द किए गए हैं और 738 वाहनों को 45 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, 1,200 से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। यह निर्णय परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा, यात्री कल्याण और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना था।

कार्रवाई क्यों की गई?

परिवहन विभाग के अनुसार, जिन वाहनों के परमिट रद्द किए गए हैं, उनमें से कई की वैधता समाप्त हो चुकी थी, कुछ वाहनों की उम्र सीमा पार हो चुकी थी, और कुछ वाहनों ने वैधानिक शर्तों का उल्लंघन किया था। इन 8,322 वाहनों में ज्यादातर टैक्सी थीं, जबकि 737 निजी बसें बिना अनुमति के अवैध मार्गों पर यात्रियों को लेकर चल रही थीं। इसके अलावा, तीन ऐसे मामलों में भी परमिट रद्द किए गए, जिनमें सड़क दुर्घटनाओं में चार से पांच लोगों की जान चली गई। इन वाहनों के मालिकों को अगले एक साल तक नए परमिट के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

1,200 वाहन मालिकों को नोटिस जारी

STA ने 1,200 वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया है, जिनके परमिट पिछले सात सालों से नवीनीकरण नहीं किए गए हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे नियमानुसार नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी करें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सिंह ने यह स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

सड़क सुरक्षा और पर्यावरण पर विशेष ध्यान

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि STA के फैसलों में सड़क सुरक्षा, यात्री कल्याण और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 1 नवम्बर 2025 से केवल BS-6 CNG, LNG या इलेक्ट्रिक माल वाहनों को अनुमति दी जाएगी। जबकि, बसों के लिए यह नियम 1 नवम्बर 2026 से लागू होगा, जिसमें CNG, इलेक्ट्रिक या BS-6 डीजल वाहनों की अनुमति होगी।

स्कूल वाहनों के लिए विशेष दिशा-निर्देश

स्कूल बसों और वैन के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTOs) को आदेश दिए गए हैं कि केवल वही स्कूल वाहन परमिट प्राप्त कर सकेंगे जो सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित होंगे, और जो नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके परमिट तत्काल रद्द कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, 11 ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों के परमिट भी रद्द कर दिए गए हैं, क्योंकि वे एक साल में संचालन शुरू नहीं कर पाए थे।

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