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Up Kiran, Digital Desk: 15 अगस्त 2025 का दिन पूरे देश के साथ-साथ बिहार के लिए भी खास रहा, क्योंकि इस दिन भारत ने अपनी आज़ादी के 78 साल पूरे किए। बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लगने वाले शुल्क को घटाकर मात्र 100 रुपये करने का ऐलान किया, ताकि सभी छात्र-छात्राओं को शिक्षा में सहूलियत मिल सके। इसके अलावा, रोजगार देने वाले उद्योगों को सरकार द्वारा मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। परीक्षाओं में अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की बिहार के विकास में मदद और जाति जनगणना कराने के निर्णय को सराहा। उन्होंने प्रवासी बिहारी भाइयों के लिए भी बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने का वादा किया, जिसमें बसों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ केंद्र सरकार से अधिक विमान चलाने का अनुरोध भी शामिल है।
शिक्षा क्षेत्र में हुए सुधारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बिहार के स्कूलों में लड़कियों और लड़कों की संख्या लगभग बराबर हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ हजारों शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आया है। अब राज्य में सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार के करीब पहुंच गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। पहले अस्पतालों में मरीजों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब हर महीने लगभग 11,600 मरीज इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। वर्तमान में राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 5,400 बेड वाला नया अस्पताल बन रहा है। पुराने मेडिकल कॉलेजों में भी बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। IGIMS में 3,000 बेड का नया अस्पताल जल्द ही तैयार हो जाएगा।
बिहार सरकार ने 2020 में एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था कि वे 10 लाख रोजगार और 10 लाख नौकरी के अवसर देंगे। इस लक्ष्य को पार करते हुए अब तक 39 लाख रोजगार उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जो मिलाकर 50 लाख से ज्यादा हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे।
महिला सशक्तिकरण को भी विशेष महत्व देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2006 से पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि 2016 से सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।
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