
संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और विपक्ष द्वारा उठाए गए मामलों पर सरकार ने चर्चा के लिए सहमति जताई।
बैठक में सबसे अधिक ध्यान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्रित रहा। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग की। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि यदि विपक्ष इस पर चर्चा चाहता है, तो वह पूरी गंभीरता से तैयार है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी तथ्यों को सदन में रखा जाएगा।
इसके अलावा सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं, और चीन से सीमा विवाद जैसे मुद्दों को भी उठाया। सभी प्रमुख दलों ने सहमति जताई कि इन विषयों पर चर्चा आवश्यक है ताकि जनता को पारदर्शिता का भरोसा मिल सके।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में यह बैठक शांति और सहयोग की भावना के साथ हुई। लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों से सदन को सुचारु रूप से चलाने की अपील की और कहा कि संसद चर्चा का मंच है, बाधा डालने का नहीं।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष भी सकारात्मक रवैया अपनाए।
सर्वदलीय बैठक में यह भी सहमति बनी कि मानसून सत्र को फलदायी बनाने के लिए सभी दल अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाएंगे।
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