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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूल और कॉलेज परिसरों में तंबाकू, पान मसाला और नशीली पदार्थों की अवैध बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में यह जानकारी दी कि राज्य में शैक्षणिक परिसरों के आसपास नशीली चीजों की बिक्री करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही मामले दर्ज किए गए हैं। इस कड़ी कार्रवाई का उद्देश्य छात्रों को इन खतरनाक पदार्थों से बचाना है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार इन पदार्थों के आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। इस संदर्भ में मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजा गया है ताकि गुटखा, पान मसाला और चरस जैसी अवैध चीज़ों के आदतन आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गंभीर अपराध है और शैक्षणिक संस्थानों के पास अवैध रूप से नशीली चीज़ों की बिक्री करने वाले लोगों पर कठोर और द्रुत कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा में यह मुद्दा भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर ने उठाया था, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि इन उत्पादों के विक्रेताओं के खिलाफ मकोका का सख्त इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा।

इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मकोका के तहत कार्रवाई के लिए आरोपी की ओर से शारीरिक नुकसान या धमकी का तत्व होना चाहिए। उन्होंने बताया कि गृह विभाग से कानून में बदलाव की सिफारिश की जा चुकी है ताकि आदतन अपराधियों पर मकोका लगाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अवैध बिक्री के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें नवी मुंबई, अहमदनगर, जालना, अकोला, नासिक, चंद्रपुर, सोलापुर, बुलढाणा, नागपुर और यवतमाल जैसे शहर शामिल हैं। इसके अलावा, गुटखा प्रतिबंध के उल्लंघन के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 123, 274 और 275 के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।