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Up Kiran, Digital Desk: फरीदाबाद की नेहरू कॉलोनी में इन दिनों हर किसी की ज़िंदगी भय और अनिश्चितता के साए में झूल रही है। यहां रहने वाले 8 हजार से ज्यादा परिवारों को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि उन्हें अपने घरों को खाली करने का नोटिस दिया गया है। यह नोटिस जारी करने का कारण है सैनिक कॉलोनी मोड़ से मेट्रो चौक तक बनने वाला एलिवेटेड फ्लाईओवर। सरकार का दावा है कि यह फ्लाईओवर शहर के ट्रैफिक को सुगम बनाएगा मगर इसके साथ ही यह स्थानीय निवासियों के लिए घरों से बेदखली का कारण बन रहा है।

रहवासियों को जब से यह नोटिस मिला है वे गहरे सदमे में हैं और उनके मन में सवाल उठ रहे हैं कि इस बदलाव के साथ उनका भविष्य क्या होगा।

हम छोटे बच्चों के साथ कहां जाएंगे?

रोशनी जो इस कॉलोनी में पली-बढ़ी हैं अपने परिवार के बारे में बताते हुए कहती हैं "मेरे सास-ससुर पिछले 50 सालों से यहां रह रहे हैं उन्होंने अपनी मेहनत और मजदूरी से जैसे-तैसे अपना घर बनाया था। अब बिना पुनर्वास के हमें यहां से क्यों निकाला जा रहा है? क्या यह इंसानियत है?" उनका दर्द साफ दिख रहा है क्योंकि वह जानती हैं कि बिना किसी वैकल्पिक स्थान के उन्हें कहाँ जाना होगा यह सवाल उन्हें न केवल असमंजस में डालता है बल्कि उनके आत्म-सम्मान को भी ठेस पहुँचाता है।

“किस्तें तो अभी पूरी नहीं हुईं और अब घर तोड़ा जा रहा है?”

मुन्नी जो बिहार से आकर फरीदाबाद में पिछले 15 साल से सफाई का काम कर रही हैं अब हाल ही में लोन लेकर अपना घर बनाने में सफल हुई थीं। उनका कहना है मेरी किस्तें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं। अब सरकार कह रही है कि घर तोड़ा जाएगा। मुझे डर है कि सब कुछ खत्म हो जाएगा। उनके शब्दों में चिंता और निराशा की गहरी छाया है।

हीरा देवी का दिल छूने वाला सवाल

70 वर्षीय हीरा देवी की बात तो सुनकर दिल पसीज जाता है। वह कहती हैं कि हमने अपनी गांव की ज़मीन बेचकर यहां मकान बनाया था। अब अगर सरकार हमारा घर तोड़ देती है तो हम कहां जाएंगे? ना हम गांव में रहेंगे न शहर में। उनकी इस बात में दर्द और एक खोई हुई उम्मीद झलकती है।

नेहरू कॉलोनी की 8 हजार जिंदगियों की दुआ

यह फ्लाईओवर प्रोजेक्ट जो गुरुग्राम की ओर जाने वाले ट्रैफिक को हल्का करने के लिए है ने नेहरू कॉलोनी के 8 हजार परिवारों को घर से बेघर कर दिया है। इन परिवारों की उम्मीद अब इस बात पर टिकी है कि सरकार जल्द ही उनका पुनर्वास करेगी। लोगों का कहना है कि अगर सरकार को सड़क बनानी ही है तो पहले उनके पुनर्वास के ठोस इंतजाम करें ताकि कोई भी परिवार बेघर न हो।

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