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केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) में स्विच करने की समय सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए 2003 में NPS की शुरुआत की थी। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि 1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार की नौकरियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में सभी नई भर्तियों के लिए NPS अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 3 मार्च 2023 को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत शामिल होने का एक बार मौका दिया गया। इसमें ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में स्विच करने का विकल्प दिया गया जो 22 दिसंबर 2003 को एनपीएस की अधिसूचना जारी होने से पहले भर्ती हुए थे।

किसी भी प्रकार का निर्देश जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं

सिंह ने कहा कि मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार मंत्रालय में जिस पद के लिए ऐसा विकल्प चुना गया है, उसके नियुक्ति प्राधिकारी को इन निर्देशों की प्रयोज्यता की जांच कर निर्णय लेना होता है। उन्होंने कहा, 'कर्मचारी द्वारा चुने गए विकल्प की जांच और निर्णय लेने के लिए हर गतिविधि के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की गई है।' कर्मचारियों के पास अपना विकल्प चुनने के लिए 31 अगस्त 2023 तक का समय था। इसके बाद संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा विकल्प की जांच और उस पर निर्णय लेने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 थी। मंत्री ने कहा कि 3 मार्च 2023 को जारी आदेश के संबंध में किसी भी प्रकार का निर्देश जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने सरकार से पात्र कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया। पटेल ने कहा, 'कई एनपीएस कर्मचारी अभी भी इस लाभ से वंचित हैं और समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हम भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि शेष पात्र कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए तिथि बढ़ाई जाए।'

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