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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के शिक्षकों को निशाना बनाकर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इन साइबर ठगों की रणनीति चौंकाने वाली थी ये खुद को जिला शिक्षा पदाधिकारी (D.E.O) बताकर स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों से संपर्क करते, फिर सरकारी मोबाइल नंबर और शिक्षा से जुड़े कोष की जानकारी का दुरुपयोग कर उन्हें ठगने की कोशिश करते।

शिक्षक की सतर्कता ने बचा लिया कई लोगों को

पूरे मामले का सुराग तब मिला जब अमरपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय लौसा में पदस्थापित प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी को किसी अज्ञात कॉलर ने D.E.O बनकर कॉल किया और उनके सरकारी नंबर और ई-शिक्षा कोष से जुड़ी जानकारी मांगी। कुछ संदिग्ध लगा तो उन्होंने साइबर थाना में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई।

तकनीकी अनुसंधान से सामने आया गिरोह का जाल

बांका के एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा के आदेश पर साइबर थाने के प्रभारी अनूपेश नारायण के नेतृत्व में एक टीम बनी, जिसमें साइबर डीआईयू इकाई के विशेषज्ञ भी शामिल थे। तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस टीम ने पटना, नवादा और नालंदा में एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में चार शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए।

गिरफ्तार आरोपी और उनके तौर-तरीके

जिन युवकों को पकड़ा गया है, वे सभी नालंदा के फरासपुर गांव से ताल्लुक रखते हैं। इनकी पहचान इस प्रकार की गई:

सैनी कुमार, पिता: जितेन्द्र पासवान

सूरज कुमार, पिता: सिंदर पासवान

अभिषेक कुमार, पिता: छोटेलाल पासवान

संतोष कुमार, पिता: सुनील पासवान

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इन चारों ने कबूल किया कि वे शिक्षकों को सरकारी अधिकारी बनकर भ्रमित करते, उनके नाम से सिम कार्ड पोर्ट कर, फर्जीवाड़ा करते थे। इन लोगों के पास से पाँच मोबाइल फोन और दस सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया जा रहा था।

 

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