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Up Kiran, Digital Desk: तिरुमाला के श्रीवारी मंदिर में शुक्रवार को अनिवर अस्थानम का पवित्र उत्सव पूरे धार्मिक उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। यह पारंपरिक उत्सव मंदिर के पंचांग के अनुसार 'दक्षिणायन पुण्यकाल' के शुभारंभ का प्रतीक है, जो आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा से शुरू होता है।

यह उत्सव किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि मंदिर की परंपराओं के अनुसार यह नए वित्तीय वर्ष के लिए नई फसलों की कटाई की शुरुआत का प्रतीक है। इसे एक शुभ आरंभ माना जाता है, जो आने वाले समय में अच्छी पैदावार और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है।

इस अनुष्ठान के तहत, उत्सव मूर्ति श्री मलयप्पा स्वामी को श्रीदेवी और भूदेवी के साथ तिरुमामुनि मंडपम (जिसे बंगारू वाकिली भी कहते हैं) तक भव्य जुलूस में लाया गया, जहाँ विशेष पूजा-अर्चना की गई। देवताओं को विशेष नैवेद्यम (भोग) अर्पित किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के पारंपरिक पकवान शामिल थे। विभिन्न अनुष्ठान पूरे होने के बाद, देवताओं को पारंपरिक पट्टू वस्त्रालु (रेशमी वस्त्र) चढ़ाए गए, जो इस अवसर की पवित्रता और भव्यता को और बढ़ाते हैं।

इस पवित्र अवसर पर, श्रद्धालुओं को भी प्रसाद वितरित किया गया, जिससे वे भी इस पावन उत्सव का हिस्सा बन सके। बड़ी संख्या में भक्तों ने इस धार्मिक समारोह को देखा और भगवान के दर्शन कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

इस अवसर पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव, TTD ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष भूमाना करुणाकर रेड्डी, संयुक्त कार्यकारी अधिकारी वीरब्रह्मम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने इस भव्य आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक परंपरा थी, बल्कि तिरुमाला में एक नई शुरुआत और आध्यात्मिक ऊर्जा के संचार का भी प्रतीक था।

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