Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक ऐसा ऐलान किया है, जिसने अमेरिका में पढ़ने का सपना देख रहे दुनिया भर के छात्रों और टेक इंडस्ट्री में बड़ी हलचल मचा दी है। ट्रंप ने वादा किया है कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएट होने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देंगे।
यह सुनने में बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि अभी तक विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में रुकने और काम करने के लिए मुश्किल H-1B वीजा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लेकिन इस वादे के साथ एक बहुत बड़ी शर्त जुड़ी है, जिसने लोगों को चिंता में डाल दिया है।
क्या है ट्रंप का प्लान और क्यों है यह चिंता की बात?
ट्रंप का सुझाव है कि इस सुविधा के लिए H-1B वीजा की फीस बहुत ज्यादा बढ़ा दी जाए, शायद 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) तक। इसका मकसद है कि जो कंपनियां विदेशी टैलेंट को नौकरी देना चाहती हैं, वे इसके लिए एक बड़ी कीमत चुकाएं।
इसी मुद्दे पर जब दुनिया की सबसे बड़ी चिप बनाने वाली कंपनी Nvidia के CEO जेनसेन हुआंग से बात की गई, तो उन्होंने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी।
एक कदम आगे, लेकिन 'अमेरिकन ड्रीम' पर चोट
जेनसेन हुआंग, जो खुद ताइवान से अमेरिका आए थे, ने कहा कि अमेरिका से बेहतरीन टैलेंट को देश में ही रोकने का विचार "एक कदम आगे" है। उन्होंने बताया कि अमेरिका दुनिया के सबसे अच्छे दिमागों को अपने विश्वविद्यालयों में पढ़ाता है, लेकिन मौजूदा नियमों के कारण वे ग्रेजुएट होने के बाद अपने देश लौटने को मजबूर हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि इस टैलेंट को अमेरिका में ही रखना चाहिए।
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने ट्रंप के महंगे फीस वाले आइडिया पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि "अमेरिकन ड्रीम" का मतलब ही यही है कि कोई भी, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, यहां आकर मेहनत करके सफल हो सकता है।
हुआंग ने जोर देकर कहा, "हम चाहते हैं कि लोग यहां आएं और 'अमेरिकन ड्रीम' को जी सकें।" लेकिन अगर किसी को यहां आकर काम शुरू करने के लिए 1 लाख डॉलर जैसी बड़ी रकम चुकानी पड़े, तो यह उस सपने के रास्ते में एक बहुत बड़ी दीवार खड़ी कर देगा। यह उन लोगों के लिए दरवाजा बंद करने जैसा होगा, जिनके पास टैलेंट तो है, लेकिन पैसा नहीं है।
सीधे शब्दों में, हुआंग का मानना है कि टैलेंट को पैसों से नहीं तौलना चाहिए। किसी को सिर्फ इसलिए मौका मिलने से नहीं रोकना चाहिए क्योंकि वह एक महंगी फीस नहीं भर सकता। यह "अमेरिकन ड्रीम" की उस भावना के खिलाफ है, जिसने खुद जेनसेन हुआंग जैसे हजारों लोगों को अमेरिका में सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया है।
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