
Up Kiran, Digital Desk: एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) में शुरुआती निवेशकों को लिस्टिंग से पहले ही भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में हालिया गिरावट के चलते निवेशकों को लिस्टिंग के दिन 52% तक का संभावित नुकसान दिख रहा है, भले ही आईपीओ की कीमत अभी तय नहीं हुई है।
कंपनी की शेयर बिक्री की कीमत ₹1,200 प्रति शेयर आंकी गई थी, लेकिन ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम (GMP) गिरकर ₹580 प्रति शेयर पर आ गया है। इसका मतलब है कि निवेशकों को ₹1,200 के निर्गम मूल्य के मुकाबले ₹580 पर ट्रेड करने की उम्मीद है, जिससे लिस्टिंग के समय उन्हें लगभग 51.66% का नुकसान हो सकता है। यह स्थिति उन शुरुआती निवेशकों के लिए चिंता का विषय है जिन्होंने कंपनी में पहले निवेश किया था।
IPO से पहले गिरावट का कारण:
बाजार की अस्थिरता: वर्तमान में शेयर बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, जिसका असर नए आईपीओ पर पड़ रहा है।
मूल्यांकन संबंधी चिंताएं: कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी का मूल्यांकन उसकी वर्तमान आय और विकास क्षमता के मुकाबले अधिक था, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।
ब्याज दरों में वृद्धि: बढ़ती ब्याज दरें वित्तीय कंपनियों के लिए चुनौतियां पैदा करती हैं, क्योंकि इससे उनकी उधार लागत बढ़ जाती है और लाभप्रदता प्रभावित हो सकती है।
कंपटीशन: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा है, जो HDB फाइनेंशियल की भविष्य की विकास संभावनाओं पर दबाव डाल सकती है।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक की एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) सहायक कंपनी है। कंपनी विभिन्न प्रकार के ऋण और वित्तीय उत्पाद प्रदान करती है, जैसे व्यक्तिगत ऋण, व्यावसायिक ऋण और वाहन ऋण। आईपीओ के माध्यम से कंपनी लगभग ₹19,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, बाजार की स्थिति और विशेषज्ञों की राय का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें। ग्रे मार्केट प्रीमियम केवल एक संकेतक होता है और यह लिस्टिंग के दिन की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता।
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