Haldwani News: जिले में तीन हजार से अधिक ई-रिक्शा और लगभग 1500 टेंपो के मालिकों तथा चालकों ने अब तक अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया है। ये स्थिति न केवल इन वाहनों के मालिकों के लिए बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
वेरिफिकेशन क्यों जरूरी
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, रजिस्टर्ड ई-रिक्शा की संख्या लगभग 4100 है, जबकि टेंपो की संख्या 3500 है। हालाँकि, वेरिफिकेशन न होने के कारण ड्राइवर की जानकारी पुलिस के पास नहीं है। ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है, तो ये पता लगाना मुश्किल होगा कि किस वाहन में घटना हुई और उसका ड्राइवर कौन था।
ई-रिक्शा और टेंपो के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में वाहनों की फिटनेस और कागजात की जांच की जाती है। वेरिफिकेशन के बाद वाहनों पर पीले और नीले स्टीकर लगाए जाते हैं। पीला स्टीकर वाहन के वेरिफिकेशन को दर्शाता है, जबकि नीला रूट क्रमांक बताता है। इसके अलावा, ई-रिक्शा पर हरा स्टीकर लगाने का प्रस्ताव है, जो ये पता करेगा कि वाहन और चालक दोनों सत्यापित हैं।
संबंधित विभाग ने जनवरी में कई कैंप लगाए गए थे। यहां 4100 में से केवल 900 ई-रिक्शा और 3500 में से 2100 टेंपो ही वेरिफिकेशन के लिए पहुंचे। इस प्रकार, शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में अभी भी 3200 ई-रिक्शा और 1400 टेंपो बिना वेरिफिकेशन के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।