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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर निशाना साधते हुए उसे पाकिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध में भारत के हाथों की कठपुतली बताया। आसिफ ने आरोप लगाया कि भारत काबुल को अपनी राजनीतिक मंशाओं के लिए इस्तेमाल कर रहा है और पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों के लिए अफगानिस्तान की जमीन का दुरुपयोग करवा रहा है।

तालिबान सरकार की आलोचना में कड़ा रुख

जियो न्यूज से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, "भारत अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में घुसपैठ कर चुका है। वह इस क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए अफगानिस्तान को अपनी कठपुतली बना चुका है। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि भारत ने काबुल को इस खेल में घसीट लिया है।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तुर्की में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में हुई शांति वार्ता अफगान पक्ष द्वारा बार-बार अपने रुख बदलने के कारण विफल हो गई। आसिफ ने कहा कि जब भी दोनों पक्ष समझौते के करीब पहुंचते थे, काबुल से किसी वार्ताकार का हस्तक्षेप हो जाता था, और यह प्रक्रिया वापस लौट आती थी।

भारत के खिलाफ कड़ी चेतावनी

आसिफ ने अफगानिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर पाकिस्तान पर कोई हमला हुआ तो हम उसका 50 गुना अधिक जवाब देंगे। हम खुद को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।"

शांति वार्ता में विफलता और काबुल पर आरोप

इस्तांबुल में आयोजित चार दिनों की शांति वार्ता के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आरोप लगाया कि वह सीमा पार हमलों में शामिल आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। इन हमलों में कई पाकिस्तानी सैनिक, नागरिक और आतंकवादी मारे गए थे। हालांकि, काबुल ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि अफगान धरती का उपयोग पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जा रहा।

शांति प्रक्रिया पर सवाल

पाकिस्तान के सूचना मंत्री तारिक फातेमी ने शांति वार्ता के असफल होने के बाद कहा कि पाकिस्तान कतर और तुर्की जैसे मित्र देशों के अनुरोध पर शांति प्रक्रिया में शामिल हुआ था। वह कहते हैं, "हमने पहले दोहा और फिर इस्तांबुल में तालिबान से बातचीत की, ताकि शांति स्थापित हो सके। लेकिन अफगानिस्तान में स्थिरता की दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई।"