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भारत के कई हिस्सों में लगातार हो रही तेज़ बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, खासकर पर्वतीय इलाकों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को 3 अगस्त तक के लिए स्थगित करना पड़ा है, क्योंकि तीर्थयात्रा के रास्ते गहरे नुकसान से जूझ रहे हैं। बालटाल और पहलगाम मार्गों की मरम्मत में प्रशासन जुटा हुआ है, ताकि जल्द से जल्द यात्री सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकें।

इसी बीच, केदारनाथ की यात्रा भी तीसरे दिन निरस्त रही। भूस्खलन से मार्ग बंद होने के कारण कई यात्री फंसे हुए थे, जिन्हें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने जोखिम भरे वन रास्तों से सुरक्षित सोनप्रयाग तक पहुँचाया। फिलहाल पांच हजार से अधिक तीर्थयात्री वहीं के शिविरों में रुकने को मजबूर हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

दिल्ली-एनसीआर में भी मौसम ने अपना असर दिखाया है। मौसम विभाग ने 2 और 3 अगस्त को भारी बारिश के साथ गरज के आसार जताए हैं। गुरुग्राम सहित आसपास के इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो शहरवासियों के लिए सतर्कता का संकेत है। अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है, जबकि रात का तापमान 24 से 25 डिग्री के करीब रहेगा।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में शुक्रवार को बादल फटने की तीन घटनाओं ने स्थानीय लोगों की जान को खतरा पैदा कर दिया। टिंडी के पुहरे नाले में आई बाढ़ से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यंगला घाटी और जिस्पा के आस-पास भी बादल फटने से भारी तबाही हुई। कांगड़ा जिले में तेज बारिश से कई पशुशालाएं और मकान धराशायी हो गए। मंडी और बिलासपुर के पास कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन की वजह से कई घंटों तक बंद रहा, जिससे सड़क पर फंसे यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है।

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे गंगा द्वार क्षेत्र जलमग्न हो गया है। कुछ संकरी गलियों में नाव सेवा शुरू हो गई है, जो बाढ़ की स्थिति का संकेत है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जल स्तर तो खतरे से थोड़ा नीचे है, फिर भी शहर के चौदह क्षेत्रों और आसपास के 44 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें राहत कार्य जारी है।

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