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Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी है, जिसके चलते अब तक 339 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (ऑट से ऐंज) भी शामिल है। मंडी जिले में सबसे ज़्यादा 162 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू जिले में 106 सड़कें प्रभावित हुई हैं।
रविवार से मंगलवार तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग (MeT Centre) ने राज्य के कुछ अलग-थलग इलाकों में रविवार से मंगलवार तक भारी बारिश की 'येलो वार्निंग' जारी की है।
कहां-कहां हुई सबसे ज़्यादा बारिश?
शुक्रवार शाम से नादौन में 58.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके बाद जोगिंदरनगर में 45 मिमी, जट्टन बैराज में 44.2 मिमी, नाहन में 39.2 मिमी, कांगड़ा में 35.7 मिमी, नैना देवी में 34.8 मिमी, पाउंटा साहिब में 33 मिमी, धौलाकुआं में 32 मिमी, घघास में 26 मिमी, भटियात में 22.2 मिमी और नेरी में 20.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
तूफान और तेज़ हवाओं ने भी दी दस्तक
कांगड़ा, जोर, मुरारी देवी और पालमपुर जैसे इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश देखी गई। वहीं, कुकुमसेरी, सियोबाग और बजाौरा के निवासियों को 37-54 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं का सामना करना पड़ा।
मानसून की तबाही: 151 मौतें, 37 लापता, 2326 करोड़ का नुकसान!
20 जून को मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक, हिमाचल प्रदेश में कम से कम 151 लोगों की जान जा चुकी है और 37 लोग लापता हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में राज्य को ₹2,326 करोड़ का भारी नुकसान हुआ है।
बुनियादी ढांचे पर भी बड़ा असर
बारिश के कारण राज्य में 172 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 133 पानी आपूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं। इस मानसून में राज्य ने अब तक 75 आकस्मिक बाढ़, 39 बादल फटने की घटनाओं और 74 बड़ी भूस्खलन की घटनाओं का सामना किया है।
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