
Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश, अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। इसी कड़ी में, यहाँ की एक विशेष 'जोड़ीदारा' परंपरा इन दिनों सुर्खियों में है, जहाँ एक महिला दो या उससे अधिक भाइयों से शादी करती है। हाल ही में किन्नौर जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने दो सगे भाइयों से शादी की, जिसने इस प्रथा को फिर से चर्चा में ला दिया है।
यह प्रथा, जिसे 'बहुपति विवाह' (Polyandry) के नाम से भी जाना जाता है, केवल हिमाचल में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की कई जनजातीय समाजों में प्रचलित रही है। हिमाचल प्रदेश में, यह मुख्य रूप से किन्नौर जिले और लाहौल-स्पीति के कुछ हिस्सों में देखने को मिलती है।
इस परंपरा के पीछे मुख्य कारण पैतृक संपत्ति और भूमि के बंटवारे को रोकना माना जाता है। जब कई भाई एक ही पत्नी साझा करते हैं, तो परिवार की ज़मीन-जायदाद अविभाजित रहती है, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। यह प्रथा यह भी सुनिश्चित करती है कि परिवार के सभी बेटों को एक जीवनसाथी मिले और वे सब मिलकर परिवार के कल्याण में योगदान करें।
ऐतिहासिक रूप से, दूरस्थ और संसाधन-सीमित क्षेत्रों में यह प्रथा जनसंख्या नियंत्रण में भी सहायक रही है। हालाँकि, आधुनिक शिक्षा और बदलते सामाजिक मानदंडों के साथ इस प्रथा में कमी आई है, फिर भी यह कुछेक दूरस्थ इलाकों में एक गहरी सांस्कृतिक परंपरा के रूप रूप में आज भी विद्यमान है।
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