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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए 2025-26 के पेराई सत्र में गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि का निर्णय एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बनकर सामने आया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर गन्ना किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया और मुख्यमंत्री से अपने मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। उन्होंने याद दिलाया कि उस समय 86 लाख किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया गया था, जिसे पूरी ईमानदारी से निभाया गया। साथ ही, 8 वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचित किया गया। 

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पहले बिचौलियों की वजह से किसानों का मुनाफा कम हो रहा था, लेकिन उनकी सरकार ने अब इस व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है। आज गन्ना खरीद सीधे किसानों से हो रही है और उनकी भुगतान राशि सीधे बैंक खातों में भेजी जा रही है।

गन्ना मिलों में सुधार और नए निवेश का आगमन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि जहां पहले चीनी मिलों का बंद होना या बिक जाना आम बात थी, वहीं उनकी सरकार ने इस प्रक्रिया को रोक दिया है। अब उत्तर प्रदेश में 8 वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गई हैं, 6 मिलें फिर से चालू की गई हैं, और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया है। इससे राज्य की चीनी मिलों में उत्पादन क्षमता में बेतहाशा वृद्धि हुई है। दो मिलों में सीबीजी संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं। अब 122 चीनी मिलें सक्रिय हैं, जिनमें से 105-106 मिलें एक सप्ताह के भीतर गन्ना खरीद का भुगतान करती हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य में शुगर कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की योजना है, जिससे गन्ना किसानों के लिए रोजगार और विकास के नए अवसर सृजित होंगे।

गन्ना क्षेत्र में निवेश और किसान कल्याण

मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि गन्ना अब एक सीजनल फसल नहीं रह गई है। वर्षभर इसकी योजना बनाई जा रही है और इस क्षेत्र में नए निवेश की उम्मीद है। सीबीजी, डिस्टिलरी, और कोजन प्लांट जैसी परियोजनाओं से इस क्षेत्र को प्रगति की दिशा में ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों का आभार व्यक्त किया और कहा कि यूपी ने चीनी, गन्ना और एथेनाल उत्पादन में देशभर में नंबर एक स्थान हासिल किया है, और इसका श्रेय राज्य के अन्नदाता किसानों को जाता है।