Up Kiran, Digital Desk: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा कस्बे में चिकित्सा लापरवाही का एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें थैलेसीमिया से पीड़ित पाँच बच्चों में एचआईवी का संक्रमण पाया गया है। यह मामला शनिवार को तब और गंभीर हो गया जब राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जांच की शुरुआत की और अधिकारियों ने अस्पताल के ब्लड बैंक में खामियाँ पाई।
यह घटना न केवल स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि झारखंड उच्च न्यायालय तक भी पहुँच चुकी है, जिसने इस गंभीर मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
1. कैसे हुआ एचआईवी का संक्रमण?
यह मामला शुक्रवार को सामने आया, जब चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में थैलेसीमिया से पीड़ित सात वर्षीय बच्चे को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया। बाद में शनिवार को चार और बच्चों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
2. सिर्फ एक बच्चा नहीं, चार और बच्चों में एचआईवी
शुरुआत में केवल एक बच्चे में संक्रमण पाया गया था, लेकिन शनिवार को चार अन्य मामलों का पता चला। इससे यह मामला और भी जटिल हो गया और लोगों में दहशत फैल गई।
3. दूषित रक्त का दोष
अधिकारियों के अनुसार, सात वर्षीय बच्चे को 25 यूनिट रक्त चढ़ाया गया था, लेकिन जांच से पता चला कि लगभग एक सप्ताह पहले बच्चे की एचआईवी जांच में पॉजिटिव परिणाम सामने आए थे।
4. जांच के आदेश
वर्तमान में, झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय एक मेडिकल टीम का गठन किया है। यह टीम राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के नेतृत्व में कार्य करेगी।
5. ब्लड बैंक में खामियाँ
झारखंड के स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने चाईबासा सदर अस्पताल का दौरा किया और वहां की खामियों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को ब्लड बैंक में पाई गई विसंगतियों को सुधारने के निर्देश दिए।
6. प्रारंभिक जांच से क्या खुलासा हुआ?
प्रारंभिक जांच से यह पता चला है कि थैलेसीमिया के मरीज को दूषित रक्त चढ़ाया गया था। इस बारे में ब्लड बैंक में कई खामियाँ पाई गई हैं।
7. ब्लड बैंक की स्थिति और सुधार की दिशा
अधिकारियों ने कहा कि ब्लड बैंक में सुधार किए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
8. राज्य में एचआईवी और थैलेसीमिया का संकट
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्तमान में 515 एचआईवी पॉजिटिव मामले और 56 थैलेसीमिया रोगी हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि यह इलाका स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है।
9. झारखंड उच्च न्यायालय का संज्ञान
यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय तक भी पहुँच चुका है, जिसने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने इस गंभीर मामले की जाँच में तेजी लाने का आदेश दिया है।
10. कितनी गंभीर है यह घटना?
यह घटना न केवल चिकित्सा लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि यह नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन सकती है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग को अब इस मामले को प्राथमिकता पर निपटाने का आदेश दिया गया है।
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