img

Women Entrepreneurship: दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के बल पर कई असंभव लगने वाली चीजें आसानी से हासिल की जा सकती हैं। ऐसी ही एक सराहनीय घटना अब प्रकाश में आई है। ओडिशा के चंपाजार गांव की 26 वर्षीय गृहिणी संगीता मांझी अब एक सफल उद्यमी बन गई हैं। इससे संगीत का जीवन ही बदल गया है। 20 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने प्राथमिक स्कूल के शिक्षक से विवाह कर लिया। इसके बाद उनके छह सदस्यीय परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

2017 में गीता प्रदान को संयुक्त राष्ट्र महिला द्वितीय अवसर शिक्षा कार्यक्रम के तहत 'सारथी' बनाया गया, जिसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना था। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद थानीय लोगों की पसंदीदा मुरमुरे से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी खुद की उत्पादन इकाई शुरू करने के बारे में सोचा। उन्होंने प्रदान की रंग दे पहल से 30,000 रुपये का ऋण लेकर मुरमुरे भूनने की मशीन खरीदी।

व्यवसाय का मासिक टर्नओवर अब 40 हजार

शुरुआत में गांव वालों को महिला की व्यवसाय चलाने की क्षमता पर संदेह था। मगर संगीत ने हार नहीं मानी। वह हठपूर्वक आगे बढ़ी। मैंने यूट्यूब ट्यूटोरियल्स के माध्यम से यह व्यवसाय सीखा और काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अनुभवी कर्मचारी को काम पर रखा। आज उनके व्यवसाय का मासिक कारोबार 40,000 का है। जिससे उसे औसतन 22 हजार का मुनाफा होता है।

बच्चों की शिक्षा के लिए पहल की

संगीता अपने उत्पादों के बेचने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करती हैं। अपनी व्यावसायिक सफलता के अलावा, संगीता हमेशा अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। महिला सशक्तिकरण के बारे में बात की। वह हमेशा कहती हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है।