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Up Kiran,Digitl Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा, भारत ने अपना रुख पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में कहा है कि भारत के तेल और गैस आयात के फैसले "पूरी तरह से" देश के उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं।

भारत का सधा हुआ और स्पष्ट जवाब: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, "भारत की ऊर्जा नीति का मुख्य लक्ष्य अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा की सुरक्षित और स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा सबसे अच्छी और अनुकूल शर्तों पर ऊर्जा खरीदने की कोशिश करता है, चाहे स्रोत कोई भी हो।

दूसरे शब्दों में, भारत सरकार दुनिया को यह बता रही है कि वह किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगी और अपने फैसले देश की जरूरतों के हिसाब से ही लेगी। प्रवक्ता ने बड़ी ही समझदारी से इस सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया कि प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच ऐसी कोई बातचीत हुई भी थी या नहीं।

क्या है भारत की ऊर्जा रणनीति: जायसवाल ने बताया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेता है। इसके लिए, देश लगातार अपने ऊर्जा आयात के स्रोतों में विविधता ला रहा है, यानी अलग-अलग देशों से ऊर्जा खरीद रहा है ताकि किसी एक देश पर निर्भरता कम हो और वैश्विक बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव का असर सीधे भारतीय नागरिकों पर न पड़े।

 भारत ने यह संदेश दिया है कि जहां से देश को किफायती और स्थिर ऊर्जा मिलेगी, वह वहीं से खरीदेगा और इस मामले में उसका एकमात्र मार्गदर्शक सिद्धांत 'राष्ट्रहित' और 'उपभोक्ताहित' है।