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Up Kiran, Digital Desk: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं सुपरवूमन की तरह हर मोर्चे पर डटी हुई हैं। घर की जिम्मेदारी हो या ऑफिस का प्रेशर, वे हर भूमिका बखूबी निभा रही हैं। लेकिन इस सुपरवूमन बनने की दौड़ में एक खामोश दुश्मन चुपके से उनकी सेहत पर हमला कर रहा है, और यह दुश्मन है 'लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां'।

पहले माना जाता था कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां पुरुषों को ज्यादा होती हैं, लेकिन अब यह सोच बदल रही है। नई स्टडीज और डॉक्टर चेतावनी दे रहे हैं कि बदलती जीवनशैली के कारण अब महिलाएं इन बीमारियों के ज्यादा बड़े जोखिम पर हैं।

क्यों बढ़ रहा है महिलाओं के लिए खतरा?

डबल प्रेशर: महिलाएं अक्सर घर और ऑफिस, दोनों की जिम्मेदारी एक साथ उठाती हैं। इस 'डबल बर्डन' का तनाव उनके दिल और दिमाग पर गहरा असर डालता है। लगातार चिंता और प्रेशर में रहना ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं को जन्म देता है, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं।

खुद की सेहत को नजरअंदाज करना: यह भारतीय समाज की एक कड़वी सच्चाई है। महिलाएं अक्सर अपने परिवार की सेहत का तो पूरा ध्यान रखती हैं, लेकिन जब बात अपनी सेहत की आती है, तो वे उसे टाल देती हैं। छोटे-मोटे लक्षणों को नजरअंदाज करना, समय पर चेकअप न कराना और खुद के लिए وقت न निकालना उन्हें गंभीर बीमारियों की ओर धकेल रहा है।

शारीरिक गतिविधि की कमी: ऑफिस में घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना और घर पर भी इतना وقت न मिलना कि वे एक्सरसाइज या वॉक के लिए जा सकें, यह उनकी सेहत पर बुरा असर डाल रहा है।

खतरा सिर्फ दिल का नहीं है

यह खतरा सिर्फ हार्ट अटैक तक ही सीमित नहीं है। तनाव और खराब लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में डायबिटीज, मोटापा, डिप्रेशन और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।

यह समय है कि हर महिला रुके और खुद से पूछे - "क्या मैं अपनी जिम्मेदारियां निभाते-निभाते खुद को भूल तो नहीं रही हूं?" आपकी सेहत सिर्फ आपकी नहीं, आपके पूरे परिवार की नींव है। इसलिए, अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। नियमित जांच कराएं, थोड़ा वक्त अपने लिए निकालें, स्वस्थ खाएं और तनाव को खुद पर हावी न होने दें। क्योंकि एक स्वस्थ महिला ही एक स्वस्थ परिवार और समाज का निर्माण कर सकती है।

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