Ratan Tata death cause: टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के निधन से पूरा देश शोक में है। रतन टाटा सिर्फ एक व्यवसायी ही नहीं बल्कि एक महान व्यक्तित्व थे ।
देश के हर घर में आपको कोई न कोई टाटा नमक, दाल या कार मिल ही जाएगी। रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा भारत के लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से कारोबार किया। रतन टाटा पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका मुंबई के मशहूर ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रतन टाटा लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे। इस वजह से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। उनका इलाज हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की देखरेख में चल रहा था।
डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद रतन टाटा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उम्र के साथ होने वाली परेशानियां स्थिति को और भी मुश्किल बना देती हैं। डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला के मुताबिक, रतन टाटा लो ब्लड प्रेशर की वजह से हाइपोटेंशन से पीड़ित थे। इसकी वजह से उनके शरीर के कई अंगों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया। उन्हें डिहाइड्रेशन की भी समस्या होने लगी। बुजुर्गों के लिए यह एक गंभीर समस्या बन जाती है।
जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी
अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 से कम है, तो डॉक्टर इसे लो बीपी मानते हैं। बढ़ती उम्र के साथ लो बीपी और हाई बीपी दोनों का खतरा बढ़ जाता है। लो बीपी की वजह से बुजुर्ग लोगों में दिल, दिमाग और दूसरे अंगों में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है। जब बीपी अचानक लो हो जाता है, तो दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है। ऐसे में चक्कर आना, सिर चकराना और कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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