
Up Kiran, Digital Desk: जब हम कैंसर के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर ट्यूमर के सीधे प्रभाव, जैसे कि किसी अंग का काम करना बंद कर देना, हमारे दिमाग में आता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर, खासकर सॉलिड ट्यूमर शरीर की 'जीवनरेखा' मानी जाने वाली रक्त प्रणाली और रक्त स्वास्थ्य को भी गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।
एक विशेषज्ञ ने बताया है कि कैसे गैर-रक्त कैंसर भी रक्त संबंधी विकारों को जन्म दे सकते हैं और शरीर की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को बाधित कर सकते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमारा रक्त केवल ऑक्सीजन पहुंचाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, हार्मोन के परिवहन और कोशिकाओं के सामान्य कामकाज के लिए भी ज़रूरी है।
सॉलिड ट्यूमर कई तरीकों से इस प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकते हैं:
अस्थि मज्जा (Bone Marrow) पर प्रभाव: कैंसर कोशिकाएं फैलकर (metastasis) अस्थि मज्जा तक पहुँच सकती हैं, जहाँ सभी रक्त कोशिकाएं बनती हैं। यह सामान्य रक्त कोशिका उत्पादन को बाधित कर सकता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं (एनीमिया), सफेद रक्त कोशिकाओं (संक्रमण का खतरा) और प्लेटलेट्स (रक्तस्राव का खतरा) की कमी हो सकती है।
रसायनों का स्राव: कुछ ट्यूमर ऐसे रसायन या प्रोटीन जारी करते हैं जो सीधे रक्त कोशिका उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं या रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं।
रक्तस्राव: ट्यूमर रक्त वाहिकाओं के पास विकसित हो सकते हैं और उनसे रक्तस्राव हो सकता है, जिससे क्रोनिक (लंबे समय तक चलने वाला) खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है।
पोषण और सूजन: कैंसर शरीर के पोषण को प्रभावित कर सकता है और सूजन बढ़ा सकता है, जिसका रक्त कोशिकाओं के जीवनकाल और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सॉलिड ट्यूमर वाले रोगियों में एनीमिया, रक्त के थक्के बनने का बढ़ा हुआ जोखिम, संक्रमण से लड़ने की क्षमता में कमी और अन्य रक्त संबंधी जटिलताएं आम हो सकती हैं। विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर देते हैं कि कैंसर के इलाज के दौरान इन रक्त संबंधी समस्याओं की पहचान और प्रबंधन रोगी की समग्र देखभाल और उपचार की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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