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उत्तराखंड के मैदानी इलाके में इस साल की गर्मी ने न केवल इंसानों को ही झुलसा दिया है, बल्कि यहाँ के जानवरों को भी परेशान कर दिया है। निरंतर 40 पार पहुंच रहे पारे में, हाथियों के व्यवहार में भी बहुत बदलाव आया है। यहाँ के जंगली जानवर अब आक्रामक और चिड़चिड़े हो गए हैं, जिसका सीधा परिणाम है कि वे अपना गुस्सा पेड़-पौधों पर निकाल रहे हैं।

वर्तमान में जारी गर्मी को जंगली जानवर भी महसूस कर रहे हैं। वन्यजीव अपनी प्राकृतिक जगहों में अपने साथी जीवों के साथ हमेशा मिल-जुलकर रहते हैं, लेकिन गर्मी की इतनी भयावह तापमान में, वे चिढ़चिढ़े हो गए हैं।

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कर्मचारी रवि कुमार और नेचर गाइड सौरभ बताते हैं कि दो चीजें इन दिनों हाथियों को चिड़चिड़ा कर रही हैं। एक तो पारे में इजाफा और दूसरा जंगलों में बनाए चालखाल और जलकुडों में पानी कम हो जाना। तो वहीं, गर्मी से निजात के लिए शारदा नदी किनारे या फिर घने वनों की छांव में जगह ढूंढ रहे हैं।

कुछ अध्ययनों के मुताबिक, गर्मी के कारण जंगली जानवरों की सामाजिक संगठन में भी परिवर्तन आया है। अब यह आम हो गया है कि हाथी और अन्य जानवर वन के अन्य स्थानों पर अपने आवासीय क्षेत्र से बाहर निकलकर पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, जंगल के प्राकृतिक संतुलन पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
 

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