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Up Kiran, Digital Desk: कानपुर के चकेरी क्षेत्र से एक दिलचस्प और गंभीर मामला सामने आया है, जो न केवल समाज में चल रहे दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाता है, बल्कि इस घटना ने वैवाहिक संबंधों में पारदर्शिता और चिकित्सा समस्याओं की गंभीरता को भी उजागर किया है। एक नवविवाहिता ने अपने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि शादी के बाद उन्हें दहेज के लिए परेशान किया गया और अंततः घर से निकाल दिया गया। इस मामले ने समाज में शादी और परिवार की संरचना को लेकर नई चर्चाएं शुरू कर दी हैं।

शादी के बाद खुली एक बड़ी सच्चाई
युवती ने बताया कि उसकी शादी 1 मई 2025 को सीसामऊ के एक लड़के से हुई थी। शादी के बाद की पहली रात को उसे यह जानकारी मिली कि उसका पति नपुंसक है। इस खुलासे ने उसकी दुनिया को हिला कर रख दिया। जब उसने अपनी सास और ससुर से इस बारे में शिकायत की तो दहेज की मांग शुरू हो गई। युवती का आरोप है कि ससुराल वालों ने दो लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की और इस पर विरोध करने पर उसे मारपीट का भी सामना करना पड़ा।

दहेज की मांग और परिवार में तनाव
जब स्थिति असहनीय हो गई, तो युवती ने अपने माता-पिता को इस बारे में जानकारी दी। 23 मई को उसकी मां ससुराल पहुंचीं, लेकिन वहां भी दहेज की मांग जारी रही। युवती का कहना है कि जब उसकी मां ने ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की तो उसे भी मायके भेज दिया गया। इसके बाद, 23 जून को पति अपनी पत्नी को मायके से वापस ससुराल ले आए और यह कहकर कि उसकी बीमारी का इलाज कराया जाएगा। हालांकि इस इलाज से कोई सुधार नहीं हुआ।

दहेज के कारण हुई बर्बादी
जुलाई 2025 में, दहेज की मांग पूरी न होने पर युवती को ससुराल से बाहर निकाल दिया गया। यह कदम न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को प्रभावित करता है, बल्कि पूरे परिवार की शांति को भी भंग कर देता है। युवती ने जब देखा कि पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, तो उसने कानपुर के पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल से शिकायत की। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।