
Up Kiran, Digital Desk: भारत की देसी टेक्नोलॉजी आज दुनिया में किस कदर अपना लोहा मनवा रही है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण तब देखने को मिला जब मॉरीशस के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री दीपक बाल गोबिन ने भारत के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सी-डॉट (C-DOT) का दौरा किया।
सी-डॉट की प्रयोगशाला में स्वदेशी रूप से विकसित 5G, 4G और अन्य दूरसंचार तकनीकों को देखकर मॉरीशस के मंत्री इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
भारत की ताकत देखकर हैरान हूं"
मंत्री दीपक बाल गोबिन ने सी-डॉट के काम की तारीफ करते हुए कहा, "भारत ने स्वदेशी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जो तरक्की की है, वह काबिले-तारीफ है। मैं यहां यह देखने आया हूं कि हम कैसे भारत की विशेषज्ञता से सीख सकते हैं और अपने देश को डिजिटल रूप से और मजबूत बना सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि सी-डॉट लैब ने जिस तरह से एडवांस टेलीकॉम समाधान विकसित किए हैं, वे न केवल भारत के लिए, बल्कि मॉरीशस जैसे विकासशील देशों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।
किन क्षेत्रों में साथ काम करेंगे भारत और मॉरीशस?
मॉरीशस के मंत्री ने भारत के साथ कई क्षेत्रों में गहरी साझेदारी की इच्छा व्यक्त की। इनमें शामिल हैं:
5G टेक्नोलॉजी: मॉरीशस अपने देश में 5G नेटवर्क के विस्तार के लिए भारत की सस्ती और सुरक्षित तकनीक का उपयोग करना चाहता है।
साइबर सुरक्षा: डिजिटल दुनिया के खतरों से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करना।
डिजिटल गवर्नेंस: भारत के डिजिटल इंडिया मॉडल से सीखते हुए अपने देश में सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करना।
क्वांटम कंप्यूटिंग: भविष्य की इस क्रांतिकारी तकनीक पर मिलकर अनुसंधान करना।
यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि दो देशों के बीच टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक मजबूत रिश्ते की नई शुरुआत है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक ऐसा निर्माता बन गया है, जिससे दुनिया के दूसरे देश सीखना चाहते हैं।