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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का रोमांच अपने चरम पर है और अब सबकी निगाहें लीग के 33वें मुकाबले पर टिकी हैं। यह मुकाबला पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के बीच मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) में खेला जाएगा। अंक तालिका में अपनी स्थिति सुधारने और प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए दोनों ही टीमें इस मुकाबले में जीत दर्ज करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि वानखेड़े की पिच इस अहम मुकाबले में किस टीम का साथ देगी।

ऐसे खिलाड़ियों लिए स्वर्ग है वानखेड़े की पिच

वानखेड़े स्टेडियम की पिच हमेशा से ही बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग मानी जाती रही है। लाल मिट्टी से निर्मित यह पिच स्वाभाविक उछाल प्रदान करती है, जिसके चलते गेंद बल्ले पर आसानी से आती है। यह बल्लेबाजों को खुलकर स्ट्रोक खेलने का अवसर देती है और यही कारण है कि इस मैदान पर अक्सर हमें हाई-स्कोरिंग मुकाबले देखने को मिलते हैं।

हालांकि, स्पिन गेंदबाजों के लिए यह पिच उतनी मददगार साबित नहीं होती। उन्हें सफलता हासिल करने के लिए अपनी लाइन और लेंथ पर लगातार नियंत्रण बनाए रखना होता है। तेज गेंदबाजों को भी पिच पर घास की कमी के कारण सीमित मदद मिलती है, मगर नई गेंद के साथ शुरुआती ओवरों में वे कुछ मूवमेंट जरूर पैदा कर सकते हैं।

टॉस का रोल: क्या पीछा करने वाली टीम मारेगी बाजी?

वानखेड़े स्टेडियम में टॉस भी एक अहम भूमिका निभाता है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस मैदान पर खेले गए 118 आईपीएल मुकाबलों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है। चेजिंग टीमों ने 63 मैच जीते हैं। तो वहीं पहले बैटिंग करने वाली टीमें 55 बार विजयी हुई हैं। इसका एक बड़ा कारण दूसरी पारी में पड़ने वाली ओस भी हो सकती है, जिससे गेंदबाजों को गेंद पकड़ने में मुश्किल होती है और बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है। यही वजह है कि ज्यादातर कप्तान टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला करते हैं।