न आसमान और न ही धरती, एक ऐसी दुनिया जहां से दुनिया तो बेहद खूबसूरत दिखती है। स्पेस की मायावी दुनिया में ऐसे कई रहस्य जिसे सुलझाने और समझाने के लिए इंसान बेहताशा कोशिश करता है। यात्रियों को धरती से ऊपर अंतरिक्ष की गहराइयों में भेजा जाता है। मकसद बस ये कि किसी तरीके से स्पेस को अच्छे से समझा जा सके। एस्ट्रोनॉट की यही तस्वीरें आपने देखी तो जरूर होगी।
ये इंसान की सोच ही है जिसने उसे चांद और स्पेस की रहस्यमयी दुनिया को उजागर करने में काफी मदद की। मगर एक बात तो आज तक किसी ने नहीं सोची और वो ये कि अगर किसी की मौत अंतरिक्ष में हो जाए तो उस एस्ट्रोनॉट का अंतिम संस्कार आखिर कैसे किया जाता है।
वो कौन से मापदंड है जिसे साथी एस्ट्रोनॉट अपने साथी की मौत के तुरंत बाद अपनाते हैं। ये बात इसलिए क्योंकि धरती पर किसी की मौत हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार उसके धर्म के हिसाब से पूरे सम्मान से किया जाता है। किसी को जमीन की जरूरत आन पड़ती है तो किसी को लकड़ी की। लेकिन अगर अंतरिक्ष की गहराइयों में किसी की मौत हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार कैसे हो? आईये जानते हैं-
नासा के पास अब तक स्पेस में डेडबॉडी हैंडलिंग के लिए तत्काल कोई नीति रणनीति नहीं है। फिर अंतिम संस्कार के लिए दो उपाय किए जाते हैं।
बॉडी बैग फ्यूनरल तरीका- यह एक फ्रीज़ ड्राइव सिस्टम होता है जिसे प्रोमेशन कहते हैं। इसे एक 90 किलोग्राम की बॉडी एक 22 किलोग्राम का लंगर बन जाती है, जिसे वापस धरती पर लाया जा सकता है। अगर स्पेसशिप में जगह हो तो यात्री को उन्हीं के सूट में स्टेशन पर कहीं ठंडी जगह पर रख दिया जाता है। ये इसलिए किया जाता है ताकि शव की गंध न आए।
अगर अंतरिक्ष यान में जगह ना हो तो शव को अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यानों में वैसे ही जगह कम होती है।
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