Up kiran,Digital Desk : अगर आप लोन की EMI भरते हैं या भविष्य में घर या कार के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। देश के सबसे बड़े बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), आने वाले समय में ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकता है। इसका सीधा मतलब है कि आपके लोन और भी सस्ते हो सकते हैं।
एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि अगर देश की अर्थव्यवस्था पर बाहरी मुश्किलों का असर पड़ता है, तो RBI मदद के लिए आगे आएगा। चलिए, इस पूरे मामले को बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।
सरकार के बाद अब RBI की बारी
- अब दूसरा धक्का RBI देगा: अब गाड़ी को आगे बढ़ाने की ज़्यादातर ज़िम्मेदारी RBI के कंधों पर आ गई है। RBI यह काम ब्याज दरें घटाकर करता है।
हाल ही में RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी, जिससे अर्थव्यवस्था को थोड़ी राहत मिली। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह काफी ?
तो RBI अभी और कटौती क्यों नहीं कर रहा?
आपके मन में यह सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि अगर ज़रूरत ਹੈ तो RBI एक साथ ही ज़्यादा कटौती क्यों नहीं कर देता?
इसकी वजह यह है कि RBI थोड़ा संभलकर चलना चाहता ਹੈ। दुनियाभर में व्यापार को लेकर तनाव चल रहा है और मंदी का माहौल है। ऐसे में RBI अपनी सारी ताकत एक ही बार में नहीं लगाना चाहता। वह भविष्य में किसी बड़ी मुश्किल के लिए ब्याज दरों में कटौती का "ब्रह्मास्त्र" अपने पास सुरक्षित रखना चाहता है, ताकि जब सच में ज़रूरत पड़े, तब इसका इस्तेमाल किया जा सके।
क्या होता है रेपो रेट? (आसान भाषा में)
रेपो रेट (अभी 5.25%) को आप 'बॉस रेट' समझ सकते हैं। यह वो दर है, जिस पर RBI बाकी सभी बैंकों (जैसे SBI, HDFC) को कर्ज देता ਹੈ। जब यह दर कम होती है, तो बैंकों को सस्ता पैसा मिलता है, और फिर वे भी अपने ग्राहकों को होम लोन, कार लोन जैसे कर्ज सस्ते में दे पाते हैं।
आगे क्या उम्मीद करें?
मतलब साफ है, RBI अभी 'देखो और इंतज़ार करो' की स्थिति में । लेकिन उसने संकेत दे दिए कि वह अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए तैयार ਹੈ। अगर भविष्य में अर्थव्यवस्था की रफ़्तार और धीमी पड़ती तो RBI एक बार फिर ब्याज दरें घटाकर हम सबको राहत दे सकता है। यानी, सस्ती EMI की उम्मीद अभी बाकी ਹੈ।
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