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Up Kiran, Digital Desk: आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि घर की कई आम समस्याओं की जड़ वास्तु में छिपी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कई घरेलू मुद्दे जैसे पारिवारिक मतभेद, बच्चों की अनसुनी आदतें आदि भवन के निर्माण से जुड़े दोषों का परिणाम हो सकते हैं।

जब बच्चे नहीं सुनते...

अक्सर माता-पिता इस बात की शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते। इस वजह से कई बार झुंझलाहट, ऊँची आवाज़ में बात करना या झगड़े जैसी स्थितियाँ बन जाती हैं। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके पीछे वास्तु दोष भी एक छिपा हुआ कारण हो सकता है।

वास्तु दोष और पारिवारिक मतभेद

कई बार बच्चों का अनुशासनहीन व्यवहार और माता-पिता के साथ उनका तालमेल न बैठ पाना कुछ वास्तु संबंधित त्रुटियों के कारण हो सकता है। आइए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:

बच्चों के कमरे के वास्तु सुझाव

बाथरूम के पास न हो कमरा
छोटे बच्चों का कमरा या उसका दरवाजा बाथरूम के नज़दीक नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित कर सकती है।

सीढ़ियों से सटा न हो दरवाजा
यदि बच्चे के कमरे का प्रवेश द्वार सीढ़ियों से जुड़ा है, तो यह वास्तु दोष माना जाता है। इससे मानसिक अस्थिरता और अनुशासन की कमी देखी जा सकती है।

अलग-अलग कमरे हों पढ़ाई और विश्राम के लिए
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के लिए पढ़ने और सोने की जगहें अलग-अलग होनी चाहिए। इससे ध्यान केंद्रित रहता है और मानसिक शांति भी बनी रहती है।

सही सलाह लें

यदि आपको अपने घर में लगातार असंतुलन, असहमति या बच्चों के व्यवहार में समस्या महसूस हो रही है, तो एक योग्य वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना उपयोगी हो सकता है। घर का सकारात्मक वातावरण बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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