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Up Kiran, Digital Desk: रूस के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे एडवांस सिस्टम माना जाता है। हालांकि यूक्रेन ने इस बेहद एडवांस सिस्टम को चकमा देते हुए ड्रोन की मदद से हमला करके रूस के 5 एयर बेस को नष्ट कर दिया। इतना ही नहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उन्होंने 117 ड्रोन का इस्तेमाल करके हमले किए और 40 रूसी लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस हमले की योजना पिछले डेढ़ साल से बनाई जा रही थी। अब सवाल यह उठता है कि इसी एस-400 की मदद से भारत ने पाकिस्तान के सभी हमलों को नाकाम कर दिया। तो रूसी सेना से गलती कहां हुई?
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष में भारत ने सिर्फ़ रूसी एस-400 (सुदर्शन चक्र) पर ही भरोसा नहीं किया. भारतीय सैनिकों ने स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया. इसकी बदौलत पाकिस्तान के सभी हमलों को आसानी से नाकाम कर दिया गया.
अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस भारतीय हथियार की कमी महसूस हो रही होगी. जिसका ट्रेलर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देखा था. अगर रूस के पास भी भारत का 'आकाश' एयर डिफेंस सिस्टम होता तो आज उन्हें इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता.
दुनिया ने देखी आसमान की ताकत- 'आकाश' का पूरा नाम आकाशतीर है. यह भारत द्वारा खुद विकसित स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम है. दुनिया को इसका पता तब चला जब इसने तुर्की में बने रक्तार टीबी2 ड्रोन और पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीनी पीएल-15 मिसाइल को पल भर में मार गिराया.
ये कारनामा सिर्फ़ आकाशतीर का नहीं था बल्कि आकाशतीर और रूसी एस-400 ने मिलकर एक टीम की तरह काम किया। इसके बाद पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। इतना ही नहीं बल्कि देखते ही देखते पाकिस्तान की वायुसेना करीब पांच साल पीछे हो गई।
अगर एस-400 और आकाशतीर साथ होते... - रूस के पास एस-400 है। लेकिन आकाशतीर जैसा कोई घातक हथियार नहीं है जो पल भर में ड्रोन को मार गिराए। अगर आकाशतीर एस-400 के साथ होता तो यूक्रेन बहुत पहले ही घुटनों पर आ गया होता।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को जिस कम-स्तरीय बेहद लचीले एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है वो भारत के 'आकाश एयर डिफेंस सिस्टम' जैसा मॉडल हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को जिस निम्न-स्तरीय अत्यधिक लचीली वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता थी वह भारत की 'आकाश वायु रक्षा प्रणाली' के समान हो सकती थी।
डीआरडीओ और इसरो ने मिलकर 'आकाश' बनाया - आकाश भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड डीआरडीओ और इसरो का संयुक्त विकास है। यह रडार सेंसर और संचार प्रणालियों के साथ-साथ वास्तविक समय में हवाई खतरों की पहचान करने और उन्हें तुरंत हराने में सक्षम है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसने 400 से अधिक ड्रोन कामिकेज़ ड्रोन और घूमते हुए हथियारों को हराया।
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