
Up Kiran, Digital Desk: हर साल आने वाला रक्षाबंधन का पर्व (Raksha Bandhan 2025) भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है. यह सिर्फ एक धागा बांधने का रिवाज़ नहीं, बल्कि स्नेह, विश्वास और एक-दूसरे की रक्षा के वचन का त्योहार है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर (Rakhi Bandhne Ka Tarika) उसकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती है, वहीं भाई भी अपनी बहन की आजीवन रक्षा का संकल्प लेता है. यह पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी बांधते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने से इस पवित्र बंधन में और भी अधिक गहराई और सकारात्मकता लाई जा सकती है? ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष उपायों को अपनाने से न केवल भाई-बहन का रिश्ता (Bhai Behan Ka Rishta) अटूट होता है, बल्कि भाई के जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता के द्वार भी खुलते हैं.
रक्षाबंधन पर इन 3 बातों का रखें खास ध्यान, चमकेगा भाई का भाग्य!
रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करने से इस पर्व की शुभता कई गुना बढ़ जाती है. आइए जानते हैं वे कौन सी 3 खास बातें हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है:
सही दिशा में मुख करके बांधें राखी, मिलेगी हर संकट से मुक्ति!
जब बहन अपने भाई को राखी बांधे, तो सबसे पहले दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राखी बांधते समय भाई का मुख हमेशा पूर्व दिशा (East Direction) की ओर होना चाहिए. वहीं, बहन का मुख पश्चिम दिशा (West Direction) की ओर होना शुभ माना जाता है. पूर्व दिशा को सूर्य देव की दिशा माना जाता है, जो ऊर्जा, सकारात्मकता और शक्ति का प्रतीक हैं. इस दिशा में मुख करके राखी बांधने से भाई के जीवन में सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उसे हर कार्य में सफलता मिलती है और वह ऊर्जावान बना रहता है. इसके विपरीत, गलत दिशा में मुख करके राखी बांधने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे रिश्तों में खटास आने या किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने का भय रहता है. इसलिए, इस छोटी सी बात का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, जो आपके भाई के भाग्य को चमका सकती है.
राखी से पहले करें इन देवी-देवताओं का आह्वान, भाई को मिलेगी सुरक्षा कवच!
राखी बांधने से पूर्व कुछ विशेष देवी-देवताओं का आह्वान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह न केवल राखी के बंधन को और अधिक पवित्र बनाता है, बल्कि भाई को दैवीय सुरक्षा भी प्रदान करता है. राखी बांधने से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) का स्मरण करना चाहिए, क्योंकि उन्हें प्रथम पूज्य माना जाता है और वे सभी विघ्नों को हरने वाले हैं. इसके बाद हनुमान जी (Lord Hanuman) का ध्यान करना चाहिए, जो बल, बुद्धि और विद्या के दाता हैं और सभी संकटों से रक्षा करते हैं. साथ ही, भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) का भी स्मरण करना चाहिए, क्योंकि वे दांपत्य जीवन के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते में भी मधुरता और प्रेम का प्रतीक हैं. इन देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने से राखी का बंधन न केवल मजबूत होता है, बल्कि भाई को हर मुश्किल से लड़ने की शक्ति और सफलता प्राप्त होती है. यह उपाय आपके भाई के जीवन को एक अदृश्य सुरक्षा कवच प्रदान करेगा.
राखी बांधते समय करें इन मंत्रों का जाप, बंधन बनेगा 'अमर'!
राखी बांधते समय कुछ विशेष मंत्रों (Rakhi Mantra) का जाप करना इस पर्व के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है. ये मंत्र न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, बल्कि भाई के जीवन में खुशहाली और सफलता लाने में भी सहायक होते हैं.
सबसे प्रमुख मंत्र है:
"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।"
इस मंत्र का अर्थ है: “जिस रक्षासूत्र से दानवों के महाबली राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षासूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूँ. हे रक्षे! तुम कभी विचलित न होना.”
इस मंत्र के जाप से भाई की हर प्रकार के भय और नकारात्मकता से रक्षा होती है.
इसके अलावा, बहन अपने भाई के लिए 'ओम गं गणपतये नमः' (Om Gan Ganapataye Namah) और 'ओम हं हनुमते नमः' (Om Ham Hanumate Namah) जैसे मंत्रों का भी जाप कर सकती है, जो क्रमश: भगवान गणेश और हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं. मंत्र जाप से राखी के धागे में दैवीय शक्ति समाहित होती है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी अधिक मजबूत और अटूट बनाती है. यह एक ऐसा शक्तिशाली उपाय है, जो आपके भाई के भाग्य को हमेशा के लिए चमका सकता है.
रक्षाबंधन का महत्व: क्यों है ये पर्व इतना खास?
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan Mahatva) सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय समाज में भाई-बहन के आपसी प्रेम, सम्मान और कर्तव्य का प्रतीक है. यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा (Shravan Purnima) को मनाया जाता है.[1] इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की आजीवन रक्षा का वचन देते हैं. यह त्योहार पारिवारिक मूल्यों और संबंधों की मजबूती को दर्शाता है. रक्षाबंधन का पर्व हमें यह सिखाता है कि रिश्ते कितने अनमोल होते हैं और उन्हें कैसे संजोकर रखना चाहिए. यह पर्व सिर्फ खून के रिश्तों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई बार लोग अपने मुंह बोले भाई-बहन को भी राखी बांधकर इस पवित्र रिश्ते को मजबूत करते हैं.
रक्षाबंधन 2025: कब है शुभ मुहूर्त?
पंचांग के अनुसार, साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा श्रावण पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त, 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन 9 अगस्त को ही मनाया जाएगा. इस दिन भद्रा काल का साया नहीं रहेगा, क्योंकि भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से 9 अगस्त को देर रात 1:52 बजे तक रहेगी, जो रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त शुरू होने से पहले ही समाप्त हो जाएगी.राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त, 2025 को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.इस दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं. 95 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन तिथि, योग और ग्रह-नक्षत्रों की चाल लगभग समान होगी.सौभाग्य योग 10 अगस्त की सुबह 2:15 मिनट तक रहेगा और श्रवण नक्षत्र दोपहर 2:23 मिनट तक रहेगा.
अपने भाई को इस रक्षाबंधन पर दें खुशियों का उपहार!
इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने भाई-बहन के रिश्ते को और भी अधिक मजबूत और पवित्र बना सकते हैं. यह रक्षाबंधन सिर्फ धागे का बंधन नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और दैवीय आशीर्वाद का प्रतीक बने. याद रखें, यह छोटे-छोटे प्रयास ही आपके रिश्ते में बड़ी खुशियां ला सकते हैं और आपके भाई के जीवन को समृद्धि से भर सकते हैं.
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