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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट, टेस्ट मैच में जीत हासिल करने के लिए बल्लेबाजों की भूमिका कितनी अहम होती है, इस पर हमेशा से चर्चा होती रही है। इसी बहस में अब अनुभवी क्रिकेट कोच और मेंटर ज्वाला सिंह ने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर किसी टीम को टेस्ट मैच जीतना है, तो उनके बल्लेबाजों को निश्चित रूप से बड़ी और प्रभावशाली पारियां खेलनी होंगी।

ज्वाला सिंह, जो भारत में कई युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित कर चुके हैं और अपने क्रिकेटिंग ज्ञान के लिए जाने जाते हैं, ने जोर देकर कहा कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य, एकाग्रता और लंबी अवधि तक क्रीज पर बने रहने की क्षमता ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा, "टेस्ट मैच जीतने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज केवल 50 या 60 रन बनाकर संतुष्ट न हों, बल्कि शतक और दोहरे शतक (यानी बड़ी पारियां) जड़ें।"

उनके अनुसार, बड़ी पारी सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होती, बल्कि यह टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाती है। जब एक या दो बल्लेबाज बड़ा स्कोर करते हैं, तो इससे टीम का कुल स्कोर (टोटल) काफी बढ़ जाता है, जिससे विपक्षी टीम पर दबाव आता है। एक बड़ा स्कोर बनाने से टीम को पारी घोषित करने का आत्मविश्वास मिलता है और गेंदबाजों को विरोधी टीम को आउट करने के लिए पर्याप्त समय और रन मिल जाते हैं।

ज्वाला सिंह ने यह भी बताया कि टेस्ट मैच में केवल तेजी से रन बनाना या आकर्षक शॉट खेलना ही काफी नहीं होता। बल्कि, पिच की स्थिति, विपक्षी गेंदबाजों की रणनीति और मैच की स्थिति को समझते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाना crucial होता है। एक बड़ी पारी खेलने के लिए मानसिक दृढ़ता और शारीरिक फिटनेस का सही संतुलन बेहद आवश्यक है।

आजकल टी-20 क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव के कारण, कई युवा बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट के लिए जरूरी संयम और लंबी पारियां खेलने की आदत खो रहे हैं। ज्वाला सिंह जैसे कोच का यह बयान ऐसे समय में आया है जब टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों द्वारा लगातार बड़ी पारियां खेलने की आवश्यकता को रेखांकित किया जा रहा है, ताकि टेस्ट क्रिकेट का रोमांच और गरिमा बनी रहे।

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