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Up Kiran, Digital Desk: ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का हर घर (भाव) जीवन के एक विशेष पहलू को दर्शाता है। इनमें से कुछ घर शुभ माने जाते हैं तो कुछ को लेकर लोगों के मन में डर रहता है। ऐसा ही एक घर है 12वां घर, जिसे 'व्यय भाव' यानी हानि, खर्च, मोक्ष और विदेश का घर भी कहा जाता है। जब इस घर में ग्रहों के राजा, आत्मविश्वास और आत्मा के कारक सूर्य देव विराजमान होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन पर इसके मिले-जुले प्रभाव देखने को मिलते हैं।

आइए जानते हैं कि अगर आपकी कुंडली के बारहवें घर में सूर्य है, तो इसका आपके करियर, पिता से संबंध, आत्मविश्वास और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर क्या असर पड़ सकता है।

क्यों कमजोर हो जाते हैं सूर्य?

बारहवां घर ज्योतिष में त्रिक भावों (6, 8, 12) में से एक है, जिन्हें शुभ नहीं माना जाता। यह घर छिपे हुए शत्रु, अस्पताल, जेल, अलगाव, खर्चे और नुकसान को दर्शाता है। सूर्य जो प्रकाश, ऊर्जा, मान-सम्मान और अधिकार का प्रतीक हैं, जब वे इस अंधेरे और छिपे हुए घर में जाते हैं, तो उनका तेज और सकारात्मक प्रभाव स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है। यहां सूर्य की स्थिति को 'कमजोर' या 'पीड़ित' माना जाता है, खासकर यदि उन पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि भी हो।

सूर्य के 12वें घर में होने के नकारात्मक प्रभाव

अक्सर देखा गया है कि इस भाव में सूर्य व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां देता है:

क्या हमेशा बुरा फल ही मिलता है?

ऐसा नहीं है कि 12वें घर में सूर्य हमेशा अशुभ फल ही देता है। यदि सूर्य अपनी उच्च राशि (मेष) में हो या किसी शुभ ग्रह (जैसे गुरु) की दृष्टि में हो, तो इसके नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और कुछ मामलों में यह अप्रत्याशित रूप से अच्छे परिणाम भी दे सकता है।

क्या हैं उपाय?

अगर आपकी कुंडली में सूर्य 12वें भाव में है और आपको नकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, तो इन उपायों से राहत मिल सकती है