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क्या है पूरा मामला: यह मामला इंडियन ओवरसीज बैंक के रिटायर्ड कर्मचारियों की एसोसिएशन (ARISE) के सदस्य के. दुर्गा संबाशिव राव की पत्नी से जुड़ा है. उन्होंने अपनी पत्नी के दांतों के इलाज पर हुए 70,847 रुपये के खर्च के लिए क्लेम किया था. लेकिन, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने यह कहते हुए पैसे देने से साफ इनकार कर दिया कि यह एक "कॉस्मेटिक सर्जरी" है, जो पॉलिसी में कवर नहीं होती.
एसोसिएशन ने नहीं मानी हार
इसके बाद, एसोसिएशन (ARISE) ने दो साल तक इस केस को लड़ा. उन्होंने बीमा पॉलिसी के क्लॉज 2.12 का हवाला दिया, जिसमें साफ-साफ लिखा है कि "दांतों से जुड़ा इलाज", जिसमें सर्जरी, फिलिंग और क्राउन लगाना शामिल है, पॉलिसी के तहत कवर होगा.
पिछले हफ्ते दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, हैदराबाद स्थित बीमा लोकपाल ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया और कर्मचारी के पक्ष में आदेश दिया. लोकपाल ने माना कि कंपनी ने पॉलिसी की शर्तों को गलत तरीके से समझा और क्लेम को खारिज करना गलत था.
एसोसिएशन के उप महासचिव सीएसआर अंजनयुलु ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इससे उन सभी लोगों को मदद मिलेगी जिनका डेंटल ट्रीटमेंट का क्लेम कंपनियां गलत वजह बताकर खारिज कर देती हैं."
अब नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को अगले 30 दिनों के अंदर क्लेम का पूरा पैसा चुकाना होगा.
 
                    
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