Up Kiran, Digital Desk: बाढ़मेर जिले के भाड़खा गांव के जस्तानियों की ढाणी में एक भयानक घटना सामने आई, जिसमें तीन चचेरे भाई एक ही कमरे में सोते समय जलकर बुरी तरह घायल हो गए। दो भाइयों की मौत हो गई, जबकि तीसरा गंभीर रूप से झुलस गया है और उसे जोधपुर रेफर किया गया है। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक की लहर में डुबो दिया है।
जानें पूरा मामला
देवीलाल जस्तानिया शनिवार की रात अपने भाई शंकराराम के घर गए थे। रात का भोजन करने के बाद, वे वहीं रुक गए। देवीलाल का 21 वर्षीय बेटा जसराज, उसके 19 वर्षीय चचेरे भाई अरुण और 12 वर्षीय राजूराम एक कमरे में सोने के लिए चले गए। सुबह करीब पांच बजे, कमरे में अचानक आग लग गई। जैसे ही आग लगी, कुछ ही मिनटों में तेज लपटें उठने लगीं और पूरी जगह आग की चपेट में आ गई।
कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया
परिवार और ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन आग ने विकराल रूप ले लिया था। सूचना मिलते ही, केयर्न कंपनी की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि, तब तक अरुण और राजूराम की जलकर मौत हो चुकी थी, और जसराज गंभीर रूप से झुलस चुका था। उसे तुरंत बाड़मेर के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जोधपुर रेफर किया गया। फिलहाल उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
ग्रामीण थाना अधिकारी राजूराम बामणिया के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। एफएसएल टीम ने घटनास्थल से जरूरी सबूत जुटाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आग लगने के वास्तविक कारणों का पता चलेगा।
मृतकों और घायल की पहचान
मृतक अरुण मुंबई में एक प्लास्टिक कप बनाने की फैक्ट्री में काम करता था और दीपावली की छुट्टियों पर गांव आया था। वहीं, राजूराम कक्षा सात का छात्र था। देवीलाल की पत्नी का कुछ साल पहले निधन हो चुका था, और अब उनका इकलौता बेटा जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
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