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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस हमले के बाद भारत ने हर मोर्चे पर जवाबी कार्रवाई की ठोस तैयारी शुरू कर दी है। जमीन, हवा और समंदर—तीनों दिशाओं से पाकिस्तान को घेरने की रणनीति तैयार हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में डर का माहौल है और वहां के हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं।

भारत की रणनीति: तीन मोर्चों से घेरने की तैयारी

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को चारों ओर से घेरने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

जमीनी स्तर पर सीमाओं पर सेना की भारी तैनाती की जा रही है।

एयरफोर्स हाई अलर्ट पर है और फाइटर जेट्स तैनात किए जा रहे हैं।

नौसेना को भी समुद्री सीमाओं पर सक्रिय कर दिया गया है।

भारत की यह सख्त तैयारी दिखाती है कि अब आतंकी हमलों पर चुप रहने का वक्त नहीं है, बल्कि करारा जवाब देने का समय आ गया है।

पाकिस्तान में दहशत का माहौल, एयरस्पेस बंद

भारत की संभावित कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने इस्लामाबाद से लाहौर तक का एयरस्पेस 30 अप्रैल तक बंद कर दिया है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया कि भारत कभी भी हमला कर सकता है।

उन्होंने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी तो दी, लेकिन साथ ही कहा कि ऐसा केवल देश के अस्तित्व पर खतरा आने पर ही होगा।

हालांकि बाद में अपने बयानों में नरमी लाते हुए आसिफ ने कहा कि युद्ध की कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं की गई है, लेकिन आने वाले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं।

राजनाथ सिंह और पीएम मोदी के बीच अहम बैठक

भारत ने आतंकी हमले के बाद अपनी प्रतिक्रिया बेहद सख्त कर ली है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक खास बैठक में मुलाकात कर सेना की तैयारियों का ब्यौरा दिया।

इससे पहले राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ भी महत्वपूर्ण बैठकें कीं।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ निर्देश दिए हैं कि आतंकवाद के संरक्षकों को अब बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जड़ से मिटा दिया जाएगा।

पाकिस्तानी सेना में भगदड़, इस्तीफों की बाढ़

भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान की सेना में हड़कंप मच गया है।

बीते 72 घंटों में पाकिस्तान की सेना से 1450 सैनिकों ने इस्तीफा दिया है, जिनमें 250 अधिकारी भी शामिल हैं।

अब तक 5,000 से अधिक सैनिक और अफसर सेना छोड़ चुके हैं।

सबसे ज्यादा इस्तीफे 12वीं कॉर्प्स क्वेटा, फोर्स कमांड नॉर्दन एरिया और पहली कोर मंगला से आए हैं।

यह भगदड़ साफ संकेत देती है कि पाकिस्तान की सेना का मनोबल बुरी तरह टूट चुका है।

पाकिस्तानी नेताओं का पलायन, परिवार विदेश रवाना

भारत के जवाबी एक्शन के डर से पाकिस्तान के नेता भी घबराए हुए हैं।

कई नेताओं ने अपने परिवारों को विदेश भेजना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी चीन का सहारा लेकर संकट से निकलने की कोशिश की है।

पाकिस्तानी आवाम इस बार सेना और सरकार के समर्थन में खड़ी नजर नहीं आ रही है, जिससे वहां के हुक्मरानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

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