
Up Kiran, Digital Desk: भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ते शुल्क (टैरिफ) विवाद को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी मुद्दों पर तनाव बढ़ रहा है. इस बैठक में संभावित जवाबी उपायों और भविष्य की व्यापार रणनीति पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है.
हाल के दिनों में, अमेरिका ने कुछ भारतीय उत्पादों पर शुल्क बढ़ाए हैं, जिसके जवाब में भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है. इस व्यापारिक खींचतान का असर दोनों देशों के समग्र संबंधों पर भी पड़ सकता है, जो हाल के वर्षों में रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में मजबूत हुए हैं. भारत का वाणिज्य मंत्रालय इस मामले पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है और उसने विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों से इनपुट मांगे हैं.
बैठक के एजेंडे में प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हो सकते हैं:
अमेरिकी शुल्क का प्रभाव: उन भारतीय निर्यात क्षेत्रों का आकलन करना जिन पर अमेरिकी शुल्कों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है.
जवाबी शुल्क का प्रस्ताव: किन अमेरिकी उत्पादों पर भारत जवाबी शुल्क लगा सकता है, और उनका संभावित आर्थिक प्रभाव क्या होगा.
WTO में अपील: यदि आवश्यक हुआ तो विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस मुद्दे को उठाने की संभावना पर चर्चा.
कूटनीतिक समाधान: अमेरिका के साथ इस विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक चैनलों का उपयोग कैसे किया जाए, इस पर रणनीति.
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार अपने घरेलू उद्योगों और किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रही है. हालांकि, दोनों देश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साझेदार हैं, और उम्मीद है कि इस व्यापारिक गतिरोध का कोई पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकल जाएगा. इस बैठक के बाद भारत सरकार की ओर से कोई ठोस कदम या बयान आ सकता है, जिससे यह पता चलेगा कि वह इस व्यापार विवाद को कैसे आगे बढ़ाएगी.
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