img

Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका और भारत के बीच व्यापार को लेकर नई खींचतान शुरू हो गई है। ताज़ा फैसले के तहत अमेरिका ने भारतीय आयात पर कुल 50 फीसदी सीमा शुल्क लगा दिया है। इसमें से आधा हिस्सा सीधे तौर पर और आधा रूस से कच्चा तेल लेने के चलते ऐड किया गया है। वाशिंगटन का कहना है कि यह कदम केवल आर्थिक नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने के दबाव का हिस्सा भी है।

वेंस का बयान

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने विशेष रूप से भारत को यह संदेश देने के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे। उनका तर्क है कि यदि रूस की आमदनी के स्रोत सीमित हों तो वह यूक्रेन में युद्धविराम पर सहमत होने को मजबूर होगा। वेंस ने यहां तक कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का उद्देश्य किसी भी कीमत पर इस युद्ध को रोके जाने का है।

पुतिन-ट्रंप मुलाकात पर संकेत

वेंस ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ट्रंप की बैठक हुई थी, जहां सकारात्मक बातचीत के बावजूद कुछ जटिलताएं सामने आईं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि अमेरिका खुद को इस संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार मानता है, हालांकि इसके रास्ते में कई चुनौतियां हैं।

रूस पर आर्थिक कसावट

उपराष्ट्रपति के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन लगातार रूस की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा रहा है। भारत पर लगाया गया अतिरिक्त शुल्क उसी रणनीति का हिस्सा है, जिससे रूस की तेल से होने वाली आय में कमी लाई जा सके और उस पर कूटनीतिक दबाव अधिक प्रभावी हो।