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Up Kiran, Digital Desk: भारत और सऊदी अरब के बीच दोस्ती का रिश्ता अब एक नए और गहरे मुकाम पर पहुंच गया है। दोनों देशों ने अब केमिकल और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में एक-दूसरे का हाथ थामकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। यह एक ऐसा सेक्टर है जो हमारी  की जिंदगी से लेकर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज तक की रीढ़ है, और इस क्षेत्र में दोनों देशों का साथ आना एक बहुत बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

हाल ही में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें इस साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति बनी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच केमिकल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार को बढ़ाना, नई टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान करना और एक-दूसरे के यहां निवेश के नए रास्ते खोलना है।

इस डील का क्या मतलब है? सऊदी अरब से सस्ता कच्चा माल: सऊदी अरब पेट्रोकेमिकल्स के मामले में दुनिया का एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है। इस साझेदारी से भारत को अपनी इंडस्ट्रीज के लिए कच्चा माल और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स आसानी से और शायद बेहतर कीमतों पर मिल सकेंगे।

भारत के लिए नए बाजार: वहीं, भारत अपने यहां बने खास तरह के केमिकल्स और तैयार प्रोडक्ट्स को सऊदी अरब के बाजार में बेच सकेगा, जिससे भारतीय कंपनियों को बड़ा फायदा होगा।

निवेश और नई नौकरियां: इस समझौते से सऊदी कंपनियां भारत में केमिकल प्लांट्स लगा सकती हैं और भारतीय कंपनियां सऊदी अरब में निवेश कर सकती हैं। इससे दोनों ही देशों में नई नौकरियां पैदा होंगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

यह साझेदारी सिर्फ व्यापार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को भी एक नई ऊर्जा देगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी बढ़ावा देगा और भारत को केमिकल उत्पादन के क्षेत्र में एक ग्लोबल पावर बनने में मदद करेगा