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Up Kiran, Digital Desk: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सबसे पहले भारत ने कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी सीमा को बंद करने सहित कई बड़े फैसले लिए। जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। अब भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इससे पाकिस्तान को कई मायनों में बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है। आइये समझते हैं क्यों और कैसे?
भारत का हवाई क्षेत्र 23 मई तक बंद
पाकिस्तान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र में भारतीय विमानों पर प्रतिबंध लगाने के बाद, भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। नोटिस टू एयरमेन के अनुसार, भारत ने 30 अप्रैल से 23 मई, 2025 तक देश के हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी यात्री और सैन्य विमानों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। नोटिस टू एयर मिशन सिस्टम एक ऐसी प्रणाली है जो किसी उड़ान में केबिन क्रू को अहम सूचनाएं भेजती है। मौसम, विस्फोट, हवाई क्षेत्र प्रतिबंध, पैराशूट जंप, रॉकेट प्रक्षेपण और सैन्य अभ्यास जैसी संवेदनशील जानकारी इस नोटिस टू एयरमैन के माध्यम से विमान के पायलट को भेजी जाती है।
भारत के फैसले के कारण पाकिस्तान को होने वाली आर्थिक मार की बात करें तो भारतीय हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण पाकिस्तानी एयरलाइनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा। इससे उड़ानों की दूरी और समय दोनों बढ़ जाएंगे तथा विमानों में ईंधन की खपत भी बढ़ जाएगी। यदि इन कठिनाइयों के कारण परिचालन लागत में वृद्धि होती है, तो एयरलाइनें यात्रियों पर अधिक बोझ डाल सकती हैं और हवाई यात्रा अधिक महंगी हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो लोग लंबी यात्रा अवधि और अधिक किराये के कारण यात्रा करने से हिचकिचाएंगे और इससे पाकिस्तान की एयरलाइनों की आय प्रभावित होगी।
उदाहरण के लिए अब तक पाकिस्तान के इस्लामाबाद से कुआलालंपुर तक की उड़ान को अपनी यात्रा पूरी करने में लगभग 5 घंटे और 30 मिनट का समय लगता था। मगर भारतीय हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण अब इस दूरी को तय करने में उड़ान को लगभग 8 घंटे 30 मिनट का वक्त लगेगा।
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