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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। भारत रूस से तेल और अन्य सामान खरीद रहा है। इस तरह ट्रंप ने भारत पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की आर्थिक मदद करने का आरोप लगाया है। इसीलिए ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है। अब भारत ने एक बार फिर ट्रंप की दुखती रग पर हाथ रख दिया है।

दरअसल, भारत और रूस मिलकर दुर्लभ खनिजों की खोज और निष्कर्षण पर काम कर रहे हैं। साथ ही, वे भूमिगत कोयले से गैस का उत्पादन करके आधुनिक कारखाने बनाने की भी योजना बना रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इस खबर के बाद ट्रंप का पारा और चढ़ने की संभावना है। यह चर्चा आधुनिकीकरण और औद्योगिक निगम पर भारत-रूस कार्य समूह की बैठक में हुई। यह बैठक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के तहत आयोजित की गई थी।

किस दुर्लभ खनिजों पर चर्चा जारी रही

तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा खनिज आजकल बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग पवन चक्कियों, बिजली के तारों, इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों जैसी स्वच्छ ऊर्जा वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, दोनों देश एयरोस्पेस विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी मिलकर काम करेंगे। इसमें आधुनिक पवन सुरंग सुविधाओं का निर्माण, छोटे विमानों के इंजन बनाना और कार्बन फाइबर तकनीक, 3D प्रिंटिंग के क्षेत्र में मिलकर काम करना शामिल है।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश दुर्लभ मृदा खनिजों की खोज और निष्कर्षण, भूमिगत कोयले से गैस उत्पादन और आधुनिक कारखाने स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। दोनों देशों ने एल्युमीनियम, उर्वरक और रेलवे के क्षेत्र में भी मिलकर काम करने पर चर्चा की। दोनों देश खनन उपकरण, अनुसंधान और अपशिष्ट प्रबंधन में भी एक-दूसरे की मदद करेंगे।

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