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Up Kiran, Digital Desk: भारत 2035 तक अपनी हवाई ताकत को एक नई बुलंदी पर ले जाने की तैयारी कर रहा है. आने वाले सालों में चार ऐसे स्वदेशी विमान भारतीय वायुसेना और नौसेना का हिस्सा बनने वाले हैं, जो देश की रक्षा क्षमताओं को पूरी तरह से बदलकर रख देंगे. ये विमान न केवल दुश्मनों के लिए काल बनेंगे, बल्कि रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को भी साबित करेंगे.

ये चार विमान हैं - एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA), तेजस मार्क-2, ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF), और नेत्र मार्क-2. आइए जानते हैं कि ये विमान कितने खास हैं और कैसे ये भारत को आसमानी जंग में और भी ज़्यादा ताक़तवर बनाएंगे.

1. एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA): भारत का पहला अदृश्य लड़ाकू विमान

AMCA भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे दुश्मनों के रडार भी आसानी से पकड़ नहीं पाएंगे. इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर बना रहे हैं. इसका मुख्य काम हवा में अपनी बादशाहत कायम करना और दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करना है.

इस विमान में ऐसे मटीरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो रडार की तरंगों को सोख लेते हैं. साथ ही, इसके हथियार भी अंदर ही छिपे होंगे, जिससे इसे रडार पर देख पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा. उम्मीद है कि यह विमान 2030 से 2032 के बीच अपनी पहली उड़ान भरेगा और 2035 तक सेना में शामिल हो जाएगा. इसके आने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो खुद ऐसे आधुनिक विमान बना सकते हैं.

2. तेजस मार्क-2: पहले से ज़्यादा ताक़तवर और घातक

तेजस मार्क-2, मौजूदा तेजस मार्क-1 का ही एक উন্নত संस्करण है. यह विमान हल्के लड़ाकू विमान और राफेल जैसे भारी लड़ाकू विमानों के बीच की खाई को पाटने का काम करेगा.

इसमें देश में बना 'उत्तम' रडार लगा होगा, जो 200 किलोमीटर दूर तक दुश्मन पर नज़र रख सकता है. यह अपने साथ पहले से कहीं ज़्यादा हथियार ले जा सकेगा, जिसमें 'अस्त्र' जैसी मिसाइलें भी शामिल होंगी. इसकी पहली उड़ान 2026 तक और सेना में शामिल होने की उम्मीद 2028 तक है.

3. TEDBF: समंदर का नया सिकंदर: ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) को खास तौर पर भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए बनाया जा रहा है. यह विमान समंदर से होने वाले हवाई हमलों और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा. यह पुराने मिग-29K विमानों की जगह लेगा.

TEDBF अपने साथ 9,000 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकेगा और इसकी रफ़्तार 1.6 मैक (लगभग 1975 किलोमीटर प्रति घंटा) तक होगी. इसका प्रोटोटाइप 2030 तक तैयार होने की उम्मीद है. यह विमान हिंद महासागर में भारत की समुद्री ताकत को कई गुना बढ़ा देगा.

4. नेत्र मार्क-2: आसमान से पैनी नज़र: नेत्र मार्क-2 एक हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AEW&C) वाला विमान है, जिसे DRDO ने तैयार किया है. यह एक तरह से आसमान में मौजूद 'उड़ता हुआ कंट्रोल रूम' होगा. इसका काम हवाई क्षेत्र की निगरानी करना, खतरों का पता लगाना और लड़ाकू विमानों को सही दिशा-निर्देश देना है.

इसे एयरबस A321 विमान पर लगाया जाएगा और यह एक साथ कई हवाई लक्ष्यों पर नज़र रख सकेगा. इसके 2030 के दशक की शुरुआत में पहली उड़ान भरने की उम्मीद है. यह विमान हवाई युद्ध में गेम-चेंजर साबित होगा.

ये चारों विमान कार्यक्रम रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. 2035 तक, ये विमान भारतीय वायुसेना और नौसेना की रीढ़ बनेंगे और देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाएंगे.