Up Kiran, Digital Desk: भारतीय फुटबॉल के लिए आज एक ऐतिहासिक और गर्व का दिन है. हमारी अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम ने वो कर दिखाया है, जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था. अपने शानदार और दमदार प्रदर्शन के बल पर भारत की बेटियों ने पहली बार AFC U-17 महिला एशियन कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है.
यह सिर्फ एक जीत नहीं है, बल्कि करोड़ों देशवासियों के सपनों की जीत है, जो भारतीय फुटबॉल को दुनिया के नक्शे पर चमकते हुए देखना चाहते हैं.
कैसे लिखी गई यह ऐतिहासिक जीत: भारत ने यह शानदार उपलब्धि थाईलैंड के खिलाफ खेले गए एक रोमांचक और कांटे के मुकाबले में हासिल की. यह मैच राउंड 2 क्वालीफायर का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण मैच था. भारतीय लड़कियों ने इस 'करो या मरो' के मुकाबले में थाईलैंड को 1-0 से हराकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया.
इस मैच की हीरो रहीं पूजा, जिन्होंने 87वें मिनट में एक शानदार गोल दागकर भारत को यह ऐतिहासिक जीत दिलाई. पूजा का यह गोल सिर्फ एक गोल नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों का गोल था. इस जीत के साथ ही भारत ग्रुप में टॉप पर रहा और एशियन कप का टिकट हासिल कर लिया.
लड़कियों का दमदार प्रदर्शन: पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा. उन्होंने अपने पहले मैच में दक्षिण कोरिया जैसी मजबूत टीम को 3-0 से करारी शिकस्त दी थी. इन बेटियों ने दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो दुनिया की किसी भी टीम को हराया जा सकता है.
यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि यह दिखाती है कि भारत में महिला फुटबॉल का भविष्य कितना उज्ज्वल है. इन युवा खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि उन्हें अगर सही मौका और सुविधाएं मिलें, तो वे दुनिया की बड़ी-बड़ी टीमों को टक्कर दे सकती हैं.
अब पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि यह 'यंग टाइग्रेसेस' (युवा शेरनियां) अगले साल होने वाले एशियन कप में भी अपने इसी दमदार खेल को जारी रखेंगी और देश के लिए और भी सम्मान लेकर आएंगी.
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