Up Kiran, Digital Desk: एशिया कप 2025 की जीत भारत के लिए जितनी शानदार रही, उसके बाद का विवाद उतना ही बड़ा हो गया है। 28 सितंबर को दुबई में पाकिस्तान को फाइनल में 5 विकेट से हराने के बाद, टीम इंडिया ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने क्रिकेट और राजनीति के बीच की रेखा को और भी गहरा कर दिया है। भारत ने जीती हुई एशिया कप की ट्रॉफी लौटा दी है और इस पूरे मामले पर अब 1983 के विश्व विजेता कप्तान कपिल देव की भी एंट्री हो गई है।
आखिर विवाद शुरू कहां से हुआ?
यह पूरा विवाद मैच खत्म होने के बाद प्रेजेंटेशन समारोह के दौरान शुरू हुआ। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष होने के साथ-साथ पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री का पद संभालने वाले मोहसिन नकवी के हाथों से भारतीय खिलाड़ियों ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। इस वजह से पुरस्कार समारोह में काफी देरी हुई और इसे संक्षिप्त कर दिया गया।
कप्तान रोहित शर्मा ने मैदान पर ही ट्रॉफी उठाई और अपनी टीम के साथ जीत का जश्न मनाया, जो कि एक तरह से आधिकारिक समारोह का बहिष्कार था। बाद में, भारत ने ट्रॉफी वापस कर दी और साफ कर दिया कि वे पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री के आदेशों को नहीं मानेंगे।
विवाद पर क्या बोले कपिल देव?
इस पूरे नाटक पर अपनी राय रखते हुए, कपिल देव ने खेल भावना को सर्वोपरि रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए।
इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं बस यही कहना चाहता हूं - यह खिलाड़ियों और मीडिया की जिम्मेदारी है कि वे राजनीति के बजाय खेल पर ध्यान केंद्रित करें। मीडिया की भूमिका सब कुछ सामने लाने की है, लेकिन एक खिलाड़ी के रूप में, मैं क्रिकेट को क्रिकेट ही बने देखना चाहूंगा। यह कहीं ज्यादा बेहतर होगा।"
कपिल देव का यह बयान उस माहौल में आया है जहां खेल के मैदान पर भी तनाव साफ दिख रहा था। इससे पहले, सुपर फोर मैच में पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हारिस रऊफ पर अपनी मैच फीस का 30% जुर्माना लगाया गया था, जब उन्होंने विकेट लेने के बाद 'प्लेन क्रैश' जैसा आपत्तिजनक इशारा किया था।
"अब पाकिस्तान में पहले जैसा टैलेंट नहीं"
कपिल देव ने मौजूदा पाकिस्तानी टीम के टैलेंट पर भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने इतिहास के कुछ महानतम क्रिकेटर दिए हैं - इमरान खान, जावेद मियांदाद, जहीर अब्बास, वसीम अकरम, वकार यूनिस। लेकिन दुर्भाग्य से, आज हमें वैसा टैलेंट देखने को नहीं मिलता - उसका एक अंश भी नहीं जो उनके पास पहले था।”
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